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12 जुलाई 2011

वोकेशनल टीचर ट्रेनिंग के लिए 300 का चयन

एक ओर जहां ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र हिंसक और नस्लवादी घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरियन गठबंधन सरकार की ओर से भारत में वोकेशनल ट्रेनिंग को इंटरनैशनल स्टैंडर्ड पर लाने के लिए भारी भरकम फंडिग की जा रही है।

फंड के तौर पर तीन लाख ऑस्ट्रेलियन डॉलर देने की घोषणा की गई है। यह फंड ऑस्ट्रेलिया के कंगन इंस्टीट्यूट को उपलब्ध कराई जाएगी, जो महाराष्ट्र में वोकेशनल टीचर ट्रेनिंग एजुकेशन प्रोग्राम चलाएगी। इसके तहत पूरे महाराष्ट्र से लगभग 300 टीचर्स को सिलेक्ट किया जाएगा। हाल ही में मुंबई में संपन्न फंड लॉचिंग प्रोग्राम के शुभारंभ के दौरान कं गन इंस्टीट्यूट के सीईओ रे ग्रिफिथस् ने कहा कि विक्टोरियन सरकार बिजनेस इंडस्ट्रीज में बढ़ रहे एजुकेशन की भूमिका को ठीक ढ़ग से समझ रही हैं। इस के मद्देनजर ऑस्ट्रेलियन गर्वंमेंट ने विक्टोरिया और भारत के बीच आपसी रिश्तों को मजबूत करते हुए यह कदम उठाए हैं। इससे न सिर्फ बिजनेस प्रडक्टिविटी में इंप्रूवमेंट होगा, बल्कि इंडियन वोकेशनल टीचर को इंटरनैशनल लेवल पर सेल्फ इंप्रूवमेंट और प्रैक्टीकल बनाया जाएगा। जिससे ये लोग भी इंटरनैशनल लेवल पर बाकी दुनिया से मुकाबला कर सकें। इस मौके पर विक्टोरियन इनोवेशन, सर्विस ऐंड स्मॉल बिजनेस मिनिस्टर लुईस अशेर ने कहा कि कंगन इंस्टीट्यूट विक्टोरिया का टॉप टेक्निकल इंस्टीट्यूट है, जो महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर यहां एक वोकेशनल टीचर ट्रेनिंग चलाएगा। जहां पर टीचर्स को प्रैक्टीकल ट्रेनिंग देकर उन्हें टेक्निकल रूप से सर्पोट करेगा। बता दें कि भारत में विक्टोरियन गर्वंमेंट की ओर से इस तरह का यह पहला वोकेशनल टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम है(मनीष झा,नवभारत टाइम्स,मुंबई,12.7.11)।

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