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28 जुलाई 2011

यूपीःइंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों में एक लाख 40 हजार सीटें खाली

प्रदेश के इंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों में प्रवेश का नए आंकड़े ने इतिहास रच दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) की पहले चरण की काउंसिलिंग खत्म होने के बाद प्रदेश में एक लाख चालीस हजार सीटें खाली रह गई हैं। नए कॉलेजों के जुड़ने के बाद इस वर्ष सीटों की कुल संख्या 1,76,150 हो गई है। इनमें से 35 हजार सीटें भी एसईई काउंसिलिंग के जरिए नहीं भरी जा सकी हैं। यूपीएसईई की पहले चरण की काउंसिलिंग 20 जुलाई को शुरू हुई थी। इस बार प्रदेश में इंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों की हालत बहुत ही खराब हो गई है। एसईई से बीटेक में अब तक के सबसे कम प्रवेश हुए हैं। प्रदेश में कुल 26000 छात्रों ने बीटेक में प्रवेश लिया है जबकि सीटों की संख्या 120000 है। एमबीए में 35000 सीटों पर 4991 छात्रों ने प्रवेश लिया है। होटल मैनेजमेंट में प्रदेश में 1300 सीटों में मात्र 72 ही भरी जा सकी हैं। होटल मैनेजमेंट के प्रदेश में 14 कॉलेज हैं इनमें से छह कॉलेजों में एक भी प्रवेश नहीं हुआ है। इनमें मेरठ, नोएडा, अलीगढ़ और मथुरा के कॉलेज शामिल हैं। बी-फार्मा में 8500 सीटों पर मात्र 327 प्रवेश हुए हैं। वर्ष 2008 में कुल प्रवेश 87443 हुए थे, इनकी संख्या 2009 में बढ़कर 94547 हो गई थी। वर्ष 2010 में भी कुल प्रवेश 98,544 हुए लेकिन वर्ष 2011 में यह संख्या अभी तक केवल 34,120 तक ही पहुंच पाई है। राजधानी के नामचीनसंस्थान में बीटेक में मात्र 18 प्रवेश हुए हैं जबकि 308 सीटें खाली हैं। कई संस्थानों का तो खाता तक नहीं खुला है। जबकि सैकड़ों संस्थान दहाई के आंकड़े में भी प्रवेश नहीं ले सके हैं। नाम खत्म होने का खामियाजा जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय को गौतम बुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय और महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय में तोड़ना एसईई की दुर्दशा का प्रमुख कारण है। प्रवेश परीक्षा खत्म होने के बाद भी लोग यही पूछते रहे कि यूपीटीयू के फार्म कब आने हैं। जीबीटीयू और एमटीयू के बारे में लोग समय रहते समझ ही नहीं सके। एमटीयू और जीबीटीयू के प्रचार-प्रसार में कमी भी एक कारण है। आइईटी में चार सीटें खाली इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में पहली काउंसिलिंग के बाद बी-टेक की चार सीटें शेष बची हैं। एमबीए और एमसीए की सभी सीटें भर गईं हैं। बीटेक की चार ब्रांचों में खाली सीटों में दो एससी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की और दो सीटें एससी विकलांग की बची हैं। केमिकल इंजीनियरिंग और आइटी ब्रांच में एक-एक सीट एससी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की खाली है। कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटशन इंजीनियरिंग में एससी विकलांग श्रेणी की एक-एक सीट खाली हैं। विशेष काउंसिलिंग 30 से पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद आरक्षित श्रेणी की खाली सीटों को भरने के लिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए विशेष काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। यह काउंसिलिंग 30 जुलाई से एक अगस्त तक चलेगी। पहले दिन पंजीकरण होगा और दूसरे दिन सीट लॉक करनी होगी। पहले चरण की काउंसिलिंग और आरक्षित श्रेणी की विशेष काउंसिलिंग के बाद अनुसूचित जनजाति की खाली सीटों को अनुसूचित जनजाति में मिलाकर अतिरिक्त विशेष काउंसिलिंग की जाएगी। यह काउंसिलिंग पांच और छह अगस्त को होगी। विशेष और अतिरिक्त विशेष काउंसिलिंग के बाद सभी रिक्त सीटों पर एसईई की दूसरे चरण की काउंसिलिंग की जाएगी। यह काउंसिलिंग 10 अगस्त को शुरू होगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,28.7.11)।

अमर उजाला,कानपुर संस्करण की रिपोर्टः
काउंसिलिंग का पहला दौर खत्म हो गया और गौतम बुद्ध प्राविधिक विवि (जीबीटीयू) और महामाया प्राविधिक विवि (एमटीयू) से संबद्ध प्रदेश के निजी इंजीनियरिंग, प्रबंधन कालेजों की 1.10 लाख से ज्यादा सीटें खाली हैं। कालेजों को परोक्ष रूप से साफ संदेश हैं कि आगे की व्यवस्था खुद करें। अगर काउंसिलिंग के भरोसे रहे तो कई कालेज तो बंद ही हो जाएंगे। वैसे कालेज पहले से ही ऐहतियात बरत रहे हैं। कई कालेज इस प्रक्रिया से अलग अपने यहां रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। बीटेक की 1400 सीटों वाले एक कालेज ने तो अब तक 1000 रजिस्ट्रेशन करा भी लिए हैं। दूसरे कालेज भी इसी तरह छात्रों का जुगाड़ कर रहे हैं।
पिछले साल का तर्जुबा लें तो सेकेंड राउंड में इस प्रक्रिया से बमुश्किल 15000 छात्र और दाखिले ले सकते हैं। मैनेजमेंट कोटे की 17 हजार सीटें छोड़ दें तो भी आज की स्थिति में बीटेक की 69000 सीटें खाली हैं। एमबीए, एमसीए और बी. फार्मेसी इंस्टीट्यूट्स में भी दाखिले का बुरा हाल है। इंजीनियरिंग और प्रबंधन कालेजों में दाखिले की पहले चरण की सामान्य रैंक की काउंसिलिंग बुधवार को समाप्त होने के बाद है। काउंसिलिंग के अंतिम दिन तक बीटेक के करीब 27178 अभ्यर्थियों ने विकल्प लॉक किए। 290 निजी इंजीनियरिंग कालेजों की 17000 सीटें मैनेजमेंट कोटे से भरी जाएंगी। इस तरह बीटेक की कुल 45000 सीटें भरने की ही व्यस्था हो पा रही है। एमबीए की लगभग 27000 सीटें खाली रहेंगी। मात्र 5000 ने काउंसिलिंग में भाग लिया। बी. फार्मेसी इंस्टीट्यूट्स के तो बंद होने की नौबत है। प्रदेश में बीफार्मेसी की करीब 8600 सीटें हैं जबकि अब तक 317 सीटें ही लॉक हुई हैं। इस बात पर भी संशय है कि ये सभी दाखिला लेंगे या नहीं।
एसईई के समन्वयक प्रो. ओंकार सिंह का कहना है कि इस बार बीटेक, एमबीए, एमसीए और बी. फार्मेसी में दाखिला लेने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। इसे बढ़ाने का प्रयास निजी तकनीकी संस्थानों को ही करना होगा। सभी को शैक्षिक गुणवत्ता के साथ प्लेसमेंट बढ़ाने की कवायद करनी होगी। 28 जुलाई से आठ अगस्त तक एससी, एसटी, ओबीसी सहित समस्त आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की विशेष काउंसिलिंग कराई जाएगी। 9 से 14 अगस्त तक सामान्य रैंक की दूसरी काउंसिलिंग होगी।

कितनी सीटें हुईं लॉक
कोर्स सीटें----- लॉक हुईं
बीटेक-----1.14 लाख------27 हजार
एमबीए-----33000------- 5000
एमसीए-----9000---------2000
बी. फार्मा----8600----------317
बी.आर्क----1087----------830
होटल मैनेजमेंट-850---------400

बीटेक का ‘लॉक ग्राफ’
तारीख सीटें लॉक हुईं
24 जुलाई-----6813
25 जुलाई-----6878
26 जुलाई------7205
27 जुलाई------6282

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