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21 जुलाई 2011

मध्यप्रदेशःइंजीनियरिंग में 45 फीसदी पर भी एडमिशन

इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन को लेकर छात्रों के बीच पैदा हुए असमंजस के हालात खत्म हो गए हैं। अब बारहवीं में पैंतालीस फीसदी अंक लाने वाले छात्र भी इंजीनियरिंग, बी फार्मेसी और पॉलीटेक्निक में प्रवेश ले सकेंगे। तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने इंजीनियरिंग में एडमिशन को लेकर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा किए गए नियमों में संशोधन को प्रदेश में लागू करने की मंजूरी दे दी है।

दरअसल इस साल जनवरी में इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन को लेकर नए नियम जारी किए गए थे। नए नियमों के अनुसार इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल उन्हीं छात्रों को एडमिशन दिया जाना था, जिनके बारहवीं में पचास फीसदी से ज्यादा अंक हों। वहीं आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए इसमें पांच फीसदी की छूट दी गई थी। आरक्षित वर्ग के छात्र बारहवीं में पैंतालीस फीसदी अंक हासिल कर एडमिशन ले सकते थे।

राज्यों ने किया था विरोध
नए नियम जारी होने के बाद गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कुछ और राज्यों ने इस फैसले का विरोध करते हुए एआईसीटीई से फैसला वापस लेने की अपील की थी। इस विरोध के पीछे निजी कॉलेज संचालकों का तर्क था कि छात्रों के मुकाबले इंजीनियरिंग कॉलेज में कहीं अधिक सीटें हैं।

हर साल बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जाती हैं और एआईसीटीई के इस फैसले से इस बार खाली सीटों की संख्या और बढ़ जाएगी। एआईसीटीई के फैसले से बड़ी संख्या में छात्र इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने से वंचित हो जाएंगे। साथ ही कुछ फर्जी प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी सक्रिय हो जाएंगी, जो छात्रों को गुमराह कर एडमिशन देंगी और मोटी रकम ऐंठेंगी।


राज्यों के इन तर्को से सहमत होते हुए एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए पैंतालीस फीसदी अंक हासिल करने के संशोधित नियम जारी किए हैं। वहीं आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए बारहवीं में चालीस फीसदी अंक लाना जरूरी किया गया है। इसे लागू करने के लिए विभाग ने मंत्री को प्रस्ताव बनाकर भेजा था, जिसे उन्होंने स्वीकृति दे दी है।

(दैनिक भास्कर,भोपाल,21.7.11)

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