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05 जुलाई 2011

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठःबीए में शारीरिक शिक्षा, होंगी 50 सीटें

नौकरी पाने के बाद पीएचडी की उम्मीदें संजोए अध्यापकों और कर्मचारियों के सपने अब पूरे हो सकेंगे। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और उससे संबद्घ महाविद्यालयों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। वहीं नेट-जेआरएफ अभ्यर्थियों को शोध में सीधे प्रवेश दिया जाएगा। शोधार्थियों के लिए कोर्स वर्क में न्यूनतम 40 अंक अनिवार्य कर दिए गए हैं। इसी प्रकार बीए के पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा को भी शामिल कर लिया गया है। ये निर्णय सोमवार को हुई विद्या परिषद की बैठक में लिए गए।
कुलपति प्रो. अवध राम की अध्यक्षता में हुई विद्या परिषद की बैठक में नियमित शिक्षकों और कर्मचारियों को पार्ट टाइम पीएचडी करने की मंजूरी दी गई। इसके लिए पहले इन्हें छह महीने का कोर्स वर्क करना होगा। वे न्यूनतम पांच साल के बाद ही अपना शोध प्रबंध जमा कर सकेंगे। बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शोध में प्रवेश के लिए परीक्षा नहीं देनी होगी। इनका सीधा दाखिला हो जाएगा। बीपीएड करने के लिए एनसीटीई के नए नियम को देखते हुए बीए के पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा को स्वतंत्र विषय के रूप में शामिल कर लिया गया है। सुविधा संपन्न कालेजों को इस विषय में 50-50 सीटें संचालित करने की मंजूरी दी गई है। बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के कोर्स वर्क और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के कोर्स वर्क के संशोधित अध्यादेश को मंजूरी दी गई(अमर उजाला,वाराणसी,5.7.11)।

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