शिक्षा विभाग में तैनात करीब 4825 ग्रामीण विद्या उपासकों के नियमितिकरण का मामला फिलहाल खटाई में पड़ गया है। इसमें 3500 प्राथमिक सहायक अध्यापक और 1325 ग्रामीण विद्या उपासक हैं।
इसका कारण भर्ती एवं पदोन्नति नियम के अंतर्गत जमा दो कक्षा में 50 फीसदी अंक की शर्त होना है। यह नियम उन शिक्षकों पर भी लागू होंगे, जिन्होंने स्नातक एवं स्नातकोत्तर सहित उच्च शिक्षा प्राप्त की हो। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बजट भाषण में ग्रामीण विद्या उपासकों को नियमित करने की घोषणा की थी।
प्राथमिक सहायक अध्यापकों पर भी गिरेगी गाज
प्रदेश में कार्यरत करीब 3500 प्राथमिक सहायक अध्यापकों और 1325 ग्रामीण विद्या उपासकों के नियमितिकरण में भी जमा दो कक्षा में 50 फीसदी अंक की शर्त आड़े आएगी। ग्रामीण विद्या उपासकों के लिए यह शर्त लागू करने पर अब प्राथमिक सहायकों के नियमितिकरण के लिए भी इस पर अमल होगा।
कैबिनेट से मिल सकती है राहत
शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियम भले ही इन शिक्षकों के नियमितिकरण में आड़े आ रहे हैं, कैबिनेट इन्हें राहत दे सकती है। इसके लिए सरकार को मामला कैबिनेट में ले जाना पड़ेगा, तभी शिक्षक नियमित हो पाएंगे। जिस समय ग्रामीण विद्या उपासकों की भर्ती हुई थी, उस समय इस तरह की शर्त नहीं थी।
ग्रामीण विद्या उपासक नाराज
ग्रामीण विद्या उपासकों ने अपने नियमितिकरण में जमा दो की शर्त आड़े आते देख दस जुलाई को मंडी में प्रदेश कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई है। बैठक में भर्ती एवं पदोन्नति नियम बदलने की वकालत की जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है और नियम न पलटने पर आंदोलन की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि भर्ती के समय जो नियम बने होते हैं, उसे ही लागू किया जाना चाहिए। बाद में इस तरह की शर्त थोपना गलत है।
क्या कहते हैं एलिमेंटरी निदेशक
एलिमेंटरी शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव शर्मा का कहना है कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में इस तरह की शर्त है। ऐसे में जमा दो में 50 फीसदी अंक न होने से शिक्षक का नियमित होना संभव नहीं है(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,6.7.11)।
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