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11 जुलाई 2011

60 फीसद संस्थाओं को नैक से मान्यता नहीं

देश में उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले करीब 500 विविद्यालय और 31 हजार कालेज में 60 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थाओं ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं संबद्धता परिषद (नैक) से मान्यता हासिल नहीं की है। शैक्षणिक संस्थान गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए नैक से मान्यता प्राप्त करने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। यही कारण है कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को जुलाई 2011 में अधिसूचना जारी कर शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के लिए नैक से मान्यता प्राप्त करने की अवधि बढ़ाकर एक अप्रैल 2012 करनी पड़ी। भारतीय सामुदायिक शिक्षा शोध एवं विकास केंद्र के निदेशक एवं 12 वीं पंचवर्षीय योजना मसौदा समिति के सदस्य जेवियर एलफोंस ने कहा कि मार्च 2010 की विविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की रिपोर्ट के अनुसार देश में 493 विविद्यालय (42 केंद्रीय, 256 राज्य, 60 निजी, 130 डीम्ड) और 31 हजार कालेज हैं लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अभी भी बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं की संख्या में 25 गुना वृद्धि हुई है लेकिन मांग एवं आपूर्ति के बीच अभी भी बड़ी खाई है। उन्होंने कहा कि देश में 60 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थान अभी भी नैक से मान्यता प्राप्त करने आगे नहीं आए हैं जो आधारभूत संरचना, पाठ्यक्रम, शिक्षकों एवं छात्रों की पात्रता जैसे मानकों पर शैक्षणिक संस्थाओं का मूल्यांकन करता है। एलफोंस ने कहा कि देश के शैक्षणिक संस्थाओं और विविद्यालयों के लिए जरूरी है कि वह वैिक स्तर की मेधा तैयार करें लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता को महज विदेशी विविद्यालयों को भारत में लाकर बेहतर नहीं बनाया जा सकता बल्कि इसके लिए वर्तमान व्यवस्था को दुरूस्त बनाए जाने की जरूरत है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी संख्या में निजी संस्थाएं हैं जिसमें से काफी संस्थाएं आधुनिक जरूरतों के अनुरूप सुविधाओं से लैस नहीं है। हालांकि 2008-12 के दौरान भारत में निजी उच्च शिक्षण संस्थाओं का बाजार बढ़कर 6.5 अरब डालर होने का अनुमान है। इस दौरान निजी संस्थाओं में कैपिटेशन फीस के रूप में ली गई रकम करीब दो अरब डालर हो जाएगी। भारत में आज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 40 प्रतिशत निजी क्षेत्र की संस्थाएं हैं। एलफोंस ने कहा कि मशरूम की तरह बढ़ती अनियंत्रित निजी शैक्षणिक संस्थाओं का मूल्यांकन करना एक बड़ी चुनौती है। शिक्षाविदों का कहना था कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सकल नामांकन दर को वर्तमान 12.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 2020 तक 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, यह एक दुरूह लक्ष्य है जिसके लिए करीब 800 विविद्यालयों और 30 हजार कालेजों की जरूरत होगी। गौरतलब है कि अमेरिका में सकल नामांकन दर 70 प्रतिशत, चीन में 23 प्रतिशत है जबकि भारत में यह मात्र 12.4 प्रतिशत है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,11.7.11)।

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