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23 जुलाई 2011

झारखंडः65 में रिटायर होंगे डॉक्टर,वैश्य बनिया एकादश पिछड़ी जाति की अनुसूची दो में,रांची विवि के एमबीए के शिक्षकों का बढ़ेगा वेतन

राज्य के सरकारी डॉक्टर अब 60 की बजाय 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे। यह फैसला गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में किया गया। इस फैसले से लगभग 1500 डॉक्टर लाभान्वित होंगे। नया आदेश अधिसूचना जारी होने की तिथि से मान्य होगा।

सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्राथमिक स्कूलों के वरीय शिक्षकों के वेतनमान में वृद्धि करने पर भी मुहर लगाई गई। इन शिक्षकों को अब 4600 के ग्रेड की जगह 4800 का ग्रेड मिलेगा। इनका पे बैंड 9300 से 34,800 रुपए होगा।

वैश्य बनिया एकादश पिछड़ी जाति की अनुसूची दो में

शाह, फकीर, मदार, देवान, परघा, परिघा, पैरघा तथा दांगी जातियों को पिछड़ी जाति की अनुसूची एक और विस्टम, वेस्टम, राकी, कुल्लू, गोराई, मड़ेया, कुर्मी, जसवार कुर्मी, चंदेल, चंदऊ, वैश्य बनिया एकादश को पिछड़ी जाति की अनुसूची दो में शामिल करने का फैसला किया गया। स्पष्ट किया गया कि वैट उन्हीं आयातित ब्रांडों पर लगेगा जो रजिस्टर्ड हैं व जिनका उत्पादन राज्य से बाहर होता है।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

राज्य के 22 एडीजे की बर्खास्तगी पर लगी मुहर।
विश्वविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मियों का अर्न लीव 300 दिन।
देवघर में रक्षा अनुसंधान व विकास संस्थान की स्थापना के लिए 49 लाख में दी गई 35 एकड़ जमीन।
रामगढ़, बरही, नगर उंटारी उपकाराओं में 126 पद।
34वीं राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण विजेताओं को सात, रजत पांच तथा कांस्य पदक विजेताओं को तीन लाख मिलेंगे।
विजेता टीम के प्रशिक्षक को स्वर्ण पदक के लिए दो लाख, रजत के लिए एक लाख व कांस्य के लिए 50 हजार मिलेंगे।

भविष्य निधि कार्यालय में प्रतिनियुक्त बोर्ड व निगमों के कर्मचारी भविष्य निधि निदेशालय में ही समायोजित होंगे।
उधर,लंबे समय बाद रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने एमबीए विभाग के शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर सहमति जताई है। वेतन वृद्धि को लेकर 22 जुलाई को वोकेशनल स्टडीज की कोर कमेटी की बैठक प्रतिकुलपति डॉ. वीपी शरण की अध्यक्षता में होगी। बैठक में वोकेशनल कोर्स संबंधी अन्य प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

एमबीए विभाग के शिक्षकों को वर्तमान में प्रतिमाह मात्र 12 हजार रुपए मिलते हैं। अन्य संस्थानों की तुलना में यह काफी कम है। वर्ष 2007 में 10 हजार रुपए प्रतिमाह (अनुबंध पर) पर शिक्षकों ने योगदान दिया था। इसके बाद वर्ष 2009 में दो हजार रुपए की वृद्धि हुई। इसके बाद आरयू प्रशासन ने वेतन वृद्धि नहीं की।

एमबीए के प्रति छात्र से शिक्षण शुल्क जब 50 हजार रुपए लिए जाते थे, तब शिक्षकों को 12 हजार रुपए प्रतिमाह मिलता था। अब शिक्षण शुल्क में 30 हजार रुपए की वृद्धि की गई है। शिक्षकों का कहना है कि ऐसे में वेतन में सम्मानजनक वृद्धि होनी चाहिए।(दैनिक भास्कर,रांची,22.7.11)

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