मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

21 जुलाई 2011

70 अभ्यर्थियों को ताउम्र नहीं मिलेगी नौकरी

रेलवे में नौकरी का सपना संजोने वाले 70 अभ्यर्थियों को अब ताउम्र नौकरी नहीं मिलेगी। इन सभी को फर्जीवाड़ के आरोप में रेलवे भर्ती बोर्ड ने बेदखल कर दिया है। बोर्ड ने डिबार किए गए अभ्यर्थियों की सूची जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि यह अभ्यर्थी अब किसी भी रेल भर्ती बोर्ड में परीक्षा नहीं दे सकेंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि काली सूची में डाले गए ज्यादातर अभ्यर्थी बिहार के हैं। इनमें से 43 अन्य पिछड़ वर्ग के हैं। सात अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग और बाकी एससी हैं। आशंका है कि यह सभी अभ्यर्थी उसी दौर की परीक्षाओं के आवेदक हैं जिनमें फर्जीवाड़ के आरोप लगे हैं।

दो वर्ष पहले रेल भर्ती बोर्ड इलाहाबाद और मुंबई की परीक्षाओं में अफसरों की मिलीभगत से धांधली के आरोप लगे थे। सीबीआई इसकी जांच अभी कर रही है। फिलहाल, रेलवे भर्ती बोर्डों ने 70 अभ्यर्थियों को काली सूची में डाल दिया है। इन्हें बोर्ड की विभिन्न परीक्षाओं में धांधली के आरोप में पकड़ गया है। आरआरबी की सूची में 57 अभ्यर्थी बिहार के रहने वाले हैं। इनमें भी पटना, नालंदा और भागलपुर के अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा है। जहानाबाद और धनबाद के आवेदक भी काली सूची में हैं। इसके साथ ही अलवर, भावनगर, झांसी, मथुरा, वाराणसी और जालौन के भी अभ्यर्थी हैं। कई अभ्यर्थियों का फर्जीवाड़ साक्षात्कार में सफल होने के बाद खुला है। 
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक यह सूची सभी भर्ती केंद्रों को दे दी गई है। साथ ही दूसरे भर्ती आयोगों को भी यह सूची भेजी जा रही है। फिलहाल, काली सूची में डाले गए लोग अब किसी भी रेलवे भर्ती बोर्ड और रेलवे भर्ती सेल की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे।
‘अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में गलत तरीके अपनाने का आरोप साबित होने के बाद डिबार किया गया है। इन अभ्यर्थियों ने परीक्षाओं में दूसरों को बैठाने, एक ही पद के लिए एससी और सामान्य श्रेणी के आवेदन करने, फर्जी अंकपत्र और प्रमाण पत्र लगाने का काम किया है। अब इन्हें रेलवे की नौकरी के अयोग्य ठहरा दिया गया है।’
एसके माथुर, चेयरमैन
आरआरबी, इलाहाबाद(अमर उजाला,इलाहाबाद,21.7.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।