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19 जुलाई 2011

छत्तीसगढ़ः9वीं की किताब में कमाल, सरगुजा में है अचानकमार!

सरकारी स्कूल के 9वीं के छात्रों को जैसी जानकारियां छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम दे रहा है, उनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम बच्चों का भविष्य गढ़ने को लेकर कितना संजीदा है।
किताब में बताया गया है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व सरगुजा में है, जबकि सामान्य सी जानकारी है कि यह बिलासपुर जिले में है। पुस्तक में गलतियों की लंबी फेहरिस्त है। हैरत की बात है कि अब तक न तो शिक्षकों ने इसकी शिकायत की और न ही माशिमं के अफसरों का ध्यान इस ओर गया।
छत्तीसगढ़ पाठच्य पुस्तक निगम की किताबें अब ज्ञान देने से ज्यादा गुमराह करने लगी हैं। सरकारी किताबों में गलत जानकारी के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। नया मामला 9वीं कक्षा की विज्ञान की किताब का है। इस किताब में ढेरों गलतियां हैं।
हैरत में डाल देने वाली गलती अचानकमार से जुड़ी है। देशभर में अचानकमार घने जंगलों, दुर्लभ वन्य प्राणियों और आने-जाने के लिहाज से सुविधाजनक स्थान के तौर पर जाना जाता है। हर कोई जानता है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व बिलासपुर जिले में है।

जिला मुख्यालय से यह महज 60 किलोमीटर दूर है, लेकिन पाठ्य पुस्तक निगम ने यह तथ्य प्रकाशित करते समय इसकी तस्दीक करने की जरूरत नहीं समझी। 9वीं की विज्ञान किताब के ‘छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधन’ खंड के अध्याय 23 में पेज नंबर 292 में अचानकमार को सरगुजा में बताया गया है। जाहिर है, इसे पढ़कर छात्र गुमराह ही होंगे।


प्रदेश में चार राष्ट्रीय उद्यान:
किताब में गलतियों की गिनती यहीं खत्म नहीं होती। इसमें प्रदेश में चार राष्ट्रीय उद्यान होने की जानकारी दी गई है। इसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, इंद्रावती, कांगेर घाटी और कुटरू को राष्ट्रीय उद्यान बताया गया है, जबकि प्रदेश में सिर्फ 3 राष्ट्रीय उद्यान हैं। कुटरू अभयारण्य है। इसके साथ पेज नंबर 293 में बादलखोल को प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य बताया गया है। बादलखोल क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश का सबसे छोटा अभयारण्य है। यह मात्र 104 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। तैमोर पिंगला प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य है। यह 604 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।

ये हैं गलतियां
- अचानकमार को सरगुजा में होना बताया गया है, जबकि वह बिलासपुर जिले में है।
- प्रदेश में चार राष्ट्रीय उद्यान बताए गए हैं, जबकि फिलहाल तीन राष्ट्रीय उद्यान है। इंद्रावती, कांगेर घाटी और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान हैं। कुटरू अभयारण्य है।
- कांगेर घाटी को कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान लिखा गया है।
- बादलखोल को सबसे बड़ा अभयारण्य बताया गया है, जबकि यह सबसे छोटा है।
- सरगुजा का तैमोर पिंगला अभयारण्य सबसे बड़ा है, जो 608.52 वर्ग किमी में फैला है। सबसे छोटा तैमोर पिंगला है, जो 104.45 वर्ग किमी में है(अनुपम सिंह,दैनिक भास्कर,बिलासपुर,18.7.11)।

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