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03 जुलाई 2011

फूड टेक्नोलॉजी में करिअर

फूड सेक्टर में अवसरों में होनेवाली वृद्धि के कारण फूड टेक्नोलॉजी युवाओं के लिए एक आकर्षक कैरियर के रूप में उभरकर सामने आई है।

बढ़ती उपभोक्तावादी संस्कृति एवं बदलती जीवनशैली के मद्देनजर डिब्बाबंद व संरक्षित भोज्य पदार्थों की मांग तेजी से बढ़ी है। इससे फूड प्रोसेसिंग यूनिट (भोजन संरक्षण केंद्र) के सामने एक नई चुनौती खड़ी हुई है। इस चुनौती से निपटने के लिए फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में फूड टेक्नोलॉजिस्टों की मांग तेजी से बढ़ी है। इसका सारा श्रेय डिब्बाबंद एवं संरक्षित भोज्य पदार्थों को जाता है। बेकरी, डेयरी, मीट, फिश, फ्रूट, बेजिटेबल आदि प्रोडक्टों की प्रोसेसिंग के अलावा होम डिलिवरी की आसान प्रक्रिया ने इस इंडस्ट्री को नया रूप प्रदान किया है। आजकल तो फास्ट फूड कल्चर के रूप में इस सेक्टर में एक नए अध्याय का जन्म हुआ है।

क्या है फूड टेक्नोलॉजी
फूड टेक्नोलॉजी एक ऐसी फील्ड है जिसके अंतर्गत किसी भी फूड प्रोडक्ट के उत्पादन, भंडारण, परीक्षण, पैकेजिंग तथा वितरण संबंधी कार्य किए जाते हैं। इसके अंतर्गत सभी प्रकार के भोज्य पदार्थों, जैसे मीट, फ्रूट, बेजिटेबल, फिश, अनाज, अंडा, दूध आदि को शामिल किया जाता है। किसी भी फूड टेक्नोलॉजिस्ट का पहला कार्य कच्चे पदार्थों की जांच, भोज्य पदार्थों की क्वालिटी की परख, भोजन का परीक्षण, न्यूट्रीशन वैल्यू जांचने आदि से संबंधित होता है। ये भोजन की प्रोसेसिंग, संरक्षण एवं उन्हें खराब होने से बचाने के लिए कई तरह की तकनीक की खोज भी करते हैं। इसके अलावा उन्हें उपभोक्ताओं के वर्तमान ट्रेंड एवं तकनीक को समझते हुए नए आइडियाज विकसित करने होते हैं।


योग्यता एवं अभिरुचि
इसमें बैचलर, मास्टर व डिप्लोमा स्तर के कई कोर्स मौजूद हैं। इसमें प्रवेश के लिए छात्र के पास न्यूनतम डिग्री 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ अथवा बॉयोलॉजी सहित) होनी चाहिए। तभी बीएससी एवं बीटेक में एडमिशन मिल पाएगा। मास्टर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता स्नातक निर्धारित की गई है। यदि किसी ने होम साइंस, न्यूट्रीशन, डायटीशियन एवं होटल मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया है, तो फूड टेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा हासिल कर सकता है। एक फूड टेक्नोलॉजिस्ट के अंदर हेल्थ व न्यूट्रीशन में अभिरुचि के साथ-साथ वैज्ञानिक आकलन की क्षमता भी जरूरी है। 

कोर्स से जुड़ी जानकारी
फूड टेक्नोलॉजी कोर्स के अंतर्गत विभिन्न बिन्दुओं जैसे माइक्रोबॉयोलॉजी, खाद्य संरक्षण तकनीक, जेनेटिक्स, फूड पैकेजिंग आदि को शामिल किया जाता है। हालांकि पिछले कुछ सालों से इसके सिलेबस में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक समय-समय पर बदलाव किया जाता है, ताकि छात्र नई-नई जानकारी से अवगत होते रहें।

जॉब की संभावनाएं
सफलतापूर्वक कोर्स पूरा करने के बाद कई जगह रोजगार के अवसर मिलते हैं। इसमें मुख्य रूप से फूड प्रोसेसिंग कंपनियों, फूड रिसर्च लेबोरेटरी, होटल, रेस्टोरेंट, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के अलावा कई सरकारी व प्राइवेट सेक्टर में फूड टेक्नोलॉजिस्ट, फूड इंस्पेक्टर, हेल्थ इंस्पेक्टर आदि के रूप में सेवा देने का मौका मिलता है। यदि कोई फ्रीलांस कंसल्टेंट या किसी स्कूल/कॉलेज में रिसर्चर, लेक्चरर, एडवाइजर या हेल्थ डॉक्टर के रूप में कार्य करने का इच्छुक है, तो उसे भी निराशा नहीं मिलती। तमाम फूड कंपनियां अपने उत्पादों को और बेहतर बनाने के लिए फूड टेक्नोलॉजिस्ट की डिमांड करती हैं। होम साइंस, न्यूट्रीशन व होटल मैनेजमेंट में ग्रेजुएट के लिए भी इस सेक्टर में जॉब के मौके उपलब्ध हैं। होटल इंडस्ट्री के जरिए सबसे अधिक जॉब के अवसर मिलते हैं। इसके अलावा पैकेजिंग इंडस्ट्री में फूड पैकेजिंग टेक्नोलॉजिस्ट एवं फूड प्रिजर्वेशन मैनेजर के पद पर नियुक्ति होती है, जबकि विदेशों में फूड रिसर्च कंपनियों में प्रोडक्ट डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में काम का मौका मिलता है।

प्रमुख संस्थान
-नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल (हरियाणा) www.ndri.res.in
-सीएसके कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) www.hillagric.ernet.in
-एसएनडीटी वूमेन यूनिवर्सिटी, मुंबई www.sndt.womenunive rsity.in
-गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर www.gndu.ac.in
-यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली www.du.ac.in
-गोविन्द बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर www.gbpuat.ac.in(नमिता सिंह,अमर उजाला,29.6.11)

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