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01 जुलाई 2011

डीयू की स्पेशल टीम को मिलीं कई गड़बड़ियां

तीसरी कटऑफ में जगह पाने के बावजूद अभिनव के लिए दाखिले के तीसरे दिन जाकर जाकिर हुसैन सांध्य कॉलेज की राह खुली। बीकॉम प्रोग्राम में कॉलेज के अड़ियल रवैये के चलते न सिर्फ अभिनव बल्कि उनके जैसे कई छात्र 28 व 29 जून को यह कह कर बैरंग लौटाए गए कि प्रवेश प्रक्रिया का काम पूरा कर लिया गया है और अब उन्हें मौका नहीं दिया जाएगा। कॉलेज के इस लापरवाह रवैये की पोल तब खुली जब खुद डीयू की ओर से एक स्पेशल टीम ने दाखिला प्रक्रिया का जायजा लिया। डीन छात्र कल्याण की ओर से गठित तीन सदस्यों वाली इस टीम ने पाया कि कॉलेज जानबूझ कर दाखिलों के स्तर पर लापरवाही बरत रहा है, जिससे कटऑफ में जगह पाने के बावजूद भी छात्र यहां-वहां भटक रहे थे। हालांकि कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एसए हमीद्दीन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। करीब डेढ़ घंटे की जांच के बाद स्पेशल टीम ने जब आंकड़ों पर नजर डाली तो पता चला कि कॉलेज में 28 जून को कोई दाखिला नहीं हुआ और 29 जून को सिर्फ 28 दाखिले हुए। जांच के लिए पहुंचे डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुलशन साहनी ने जब वहां परेशान घूम रहे छात्रों से पूछा तो पता चला कि 29 जून को दाखिले के लिए खिड़की नहीं खुली और इस बात की घोषणा की गई कि सीटें फुल हो गई, लेकिन एकाएक शाम साढ़े पांच बजे खिड़की खोल दी गई और साढ़े छह बजे तक 28 छात्रों को दाखिला देकर उसे बंद भी कर दिया गया, जबकि निर्धारित समय 7 बजे का था। जांच के लिए पहुंचे डिप्टी प्रॉक्टर डॉ.एम काजिम ने बताया कि कॉलेज के इस लापरवाह रवैये को देखते हुए डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ.गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने दाखिला समिति के प्रमुख को हिदायत दी है कि वह नियमों की अनदेखी से बचे और दाखिला प्रक्रिया को सुचारू रूप से अंजाम दे ताकि कटऑफ में जगह बनाने वाले छात्रों को चार दिन की अवधि में दाखिला मिल जाएं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,1.7.11)।

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