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14 जुलाई 2011

डीयू : रैगिंग की तो खैर नहीं

दिल्ली विविद्यालय से सम्बद्ध सभी कॉलेजों और उसके छात्रावासों में ही नहीं अब कैम्पस के आसपास बने प्राइवेट हॉस्टलों में भी पुलिस की पैनी नजर रहेगी। विविद्यालय में कॉलेज स्तर पर तो डीआरसी और विजिलेंस स्क्वाड रैगिंग व अन्य तरह के अप्रत्याशित मामलों से निपटेंगे, लेकिन कॉलेज के बाहर रैगिंग और छेड़खानी को लेकर पुसिलकर्मी अपना शिंकजा कसे रखेंगे, जिससे रैगिंग के बारे में कोई सीनियर सोच न सके। इतना ही नही डीटीसी बसों के अलावा मेट्रो रेल प्रशासन को भी कहा जाएगा कि सादी वर्दी में मेट्रोकर्मी तैनात किए जाएं, जो रैगिंग और छेड़खानी की वारदातों पर कार्रवाई करेंगे। दिल्ली विविद्यालय प्रॉक्टोरियल टीम व दिल्ली पुलिस की इस मामले में हुई वार्ता में रैंगिंग को लेकर सभी तरह के तैयारी पूरी रखने फैसला लिया गया है। डीयू के नियमों के तहत रैंगिंग में पकड़े जाने पर दाखिला रद्द होने के अलावा डिग्री भी रद्द हो सकती है। बता दें कि डीयू का शैक्षणिक सत्र 2011-12 21 जुलाई से शुरू होना है। इससे पूर्व कैम्पस, कॉलेज, हॉस्टलों, कैंटीन आदि जगहों पर रैगिंग न हो इसके लिए हर साल तैयारी की जाती है। विविद्यालय इसके लिए पुलिस के अलावा, डीटीसी, मेट्रो रेल को साथ लेकर चलती है। जल्द ही विविद्यालय डीटीसी व मेट्रो रेल के साथ बैठक कर रैगिंग से रोकथाम के कदम उठाएगी। डीयू कॉलजों में रैंिगंग की बात करें तो यह फ्रेशर्स की होने की संभावना रहती है। कई बार परिचय करने के नाम पर भी रैंिगंग कर दी जाती है। लेकिन बीते कुछ सालों से सख्ती के चलते किसी ने रैंिगंग करने की हिमाकत नहीं की है। फ्रैशर्स की रैगिंग होने का खतरा आमतौर पर उनके सीनियर विद्यार्थियों से होता है। दिल्ली पुलिस उत्तरी जिला उपायुक्त आईबी रानी व विविद्यालय प्रॉक्टर प्रो एचपी सिंह, डिप्टी प्रॉक्टर डॉ मनोज अरोड़ा, हॉस्टल वार्डन व कुछ कॉलेज के उप प्रधानाचार्य व डिप्टी डीन डॉ गुरप्रीत सिंह टुटेजा की रैगिंग की तैयारी को लेकर चर्चा हुई। पुलिस उपायुक्त आईबी रानी ने कहा कि आमतौर पर कैम्पस के कॉलेजों और हॉस्टलों पर भी पुलिस और विविद्यालय प्रॉक्टोरियल टीम की नजर रहती है। लेकिन इस बार से कैम्पस के आसपास बने प्राइवेट हॉस्टलों और उसके आसपास कड़ी नजर रखी जाएगी। यहां पर भी सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। श्रीमती रानी ने बताया कि कैम्पस में इसबार करीब 60 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसके अलावा कॉलेजों में कॉलेज स्तर पर तैयारी रहेगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही पुलिस प्राइवेट हॉस्टल मालिकों से बैठक कर उन्हें हिदायतें देगी। उन्होंने बताया कि कॉलेजों को पुलिस की ओर से पम्फलेट दिए गए हैं, जिन्हें नोटिस बोर्ड व डेमोक्रेसी वॉलों पर लगाएंगे। जिसमें पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबरों के अलावा अन्य हेल्पलाइन नंबर डाले गए हैं। डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. मनोज अरोड़ा ने बताया कि विविद्यालय स्तर पर भी कॉलेजों को पम्फलेट दिए जा रहे हैं, जिन्हें प्रॉक्टोरियल टीम के सदस्यों के फोन नंबर हैं। रैगिंग व किसी के द्वारा परेशान किए जाने पर फ्रेशर्स इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,14.7.11)।

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