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01 जुलाई 2011

फर्जी शिक्षा बोर्ड पर आखिर टूटी सरकार की नींद

संदिग्ध शिक्षा बोर्डो के गोरखधंधे पर आखिरकार राज्य सरकार की नींद टूटी है। दैनिक जागरण द्वारा इस मामले को लगातार दो दिन जोर-शोर से उठाए जाने के बाद दिल्ली के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने बृहस्पतिवार को इस मामले में संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। दैनिक जागरण से बातचीत में लवली ने कहा कि अधिकारियों को फर्जी बोर्ड चलाने वालों की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को उठाकर जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने साफ किया कि दिल्ली सरकार का एक ही बोर्ड है और वह है सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) जिससे दिल्ली सरकार के सभी स्कूल संबद्ध हैं। सीआइएससीई बोर्ड (काउंसिल ऑफ दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट इक्जामिनेशन) से भी कुछ निजी स्कूल संबद्ध हैं। जो छात्र बारहवीं पत्राचार से करते हैं, उनके लिए एनआइओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग) है। इसके अलावा दिल्ली के छात्रों के लिए कोई बोर्ड मान्य नहीं है। यह बात अभिभावकों और छात्रों को भी समझने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली नाम से चलने वाला कोई भी बोर्ड मान्य नहीं है। इस बारे में उन्होंने शिक्षा निदेशालय और सीबीएसई के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। जिसके बाद फर्जी बोर्ड चलाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों में भी राज्य सरकार का अपना बोर्ड होता है और केंद्रीय स्तर पर सीबीएसई है। जबकि देश भर के छात्रों को मुक्त विद्यालयी शिक्षा देने और प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एनआइओएस है। यह बात दिल्ली ही नहीं देश भर के लोगों को भी भांति समझ लेनी चाहिए(दैनिक जागरण,दिल्ली,1.7.11)

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