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06 जुलाई 2011

सुरक्षा में करियर

सुरक्षा उपाय हम सबके जीवन में आज कितने अहम हैं, इनको लेकर किसी को शक या संदेह नहीं हो सकता। लेकिन जीवन के तमाम मोड़ पर जितनी जरुरत सुरक्षात्मक उपायों की है, उतनी ही जरूरी है इन उपायों के बेहतर प्रबंधन की। सुरक्षा प्रबंधन से तात्पर्य किसी की अंगरक्षा ही नहीं बल्कि उन तमाम उपायों से भी है, जो आज के ई-युग में कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

क्या है सुरक्षा प्रबंधन

कॉरपोरेट सुरक्षा प्रबंधन, औद्योगिक या निजी सुरक्षा प्रबंधन, इस तरह और भी इस तरह के कई सुरक्षा प्रबंधन हैं, जिनके तहत खास डिप्लोमा को लेकर करियर के लिहाज से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है- सूक्ष्म कैमरे, मैजिक आई, जासूसी प्रक्रिया और किसी आतंकी घटना। ऐसे तमाम पहलू हैं जो किसी न किसी रूप में सुरक्षात्मक उपायों से जुड़े हैं।

कैसे लें प्रशिक्षण


कोई व्यक्ति सिर्फ निजी लाभ के लिए, निजी काम के लिए, निजी स्तर पर प्रबंधन नहीं सीखता, उसमें करियर की राहों को भी तलाशता है। तो इसी तरह है यह सुरक्षा प्रबंधन। इसमें विशेष प्रशिक्षित लोग अलग-अलग समय के हिसाब से लोगों को सुरक्षा प्रबंधन के गुर सिखाते हैं। इस प्रबंधन में वीआईपी सुरक्षा की बात हो सकती है, विशेष स्थलों की सुरक्षा की बात हो सकती है और किसी मुद्दे की गहनता को लेकर सुरक्षा प्रबंधन की बात हो सकती है। जाहिर है, जब सुरक्षा के प्रकार भिन्न-भिन्न हैं, तो उन्हें सिखाने के प्रकारों में भी भिन्नता आएगी। उनमें कई तरह के विशेषज्ञ होंगे। सुरक्षा प्रबंधन की सिर्फ बात करने से ही कुछ नहीं होगा। हमें इसके लिए यह भी तलाशना होगा कि आखिर किस तरह की संस्था से करियर आस्पेक्ट को ध्यान में रखते हु ए सुरक्षा मानकों वाले प्रबंधन में डिप्लोमा हासिल किया जाए। इसका प्रशिक्षण रेगुलर और डिस्टेंस के जरिए भी दिया जाता है।

कौन-कौन से हैं कोर्स

सुरक्षा प्रबंधन में कोर्स अलग-अलग तरह के हैं। इनमें विविधता इसकी अवधि और स्वरूप को लेकर है। एक साल के रेजिडेंशियल प्रोग्राम के तहत खुदरा सुरक्षा विशेषज्ञता में गहन प्रशिक्षण, औद्योगिक सुरक्षा, विमानन सुरक्षा, कॉरपोरेट सुरक्षा आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। दिल्ली स्कूल ऑफ फायर एंड सेफ्टी के निदेशक जेड. एस. लाकड़ा के मुताबिक, सिक्योरिटी स्टडीज के प्रमुख कोर्स में शामिल हैं- डिप्लोमा इन सिक्योरिटी मैनजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिक्योरिटी मैनेजमें ट और सर्टिफिकेट इन सिक्योरिटी मैनजमेंट। इस कोर्स की अवधि है- तीन महीने से एक साल। कोर्स के दौरान इं ट्रोडक्शन टू सिक्योरिटी, फिजिकल सिक्योरिटी, सिक्योरिटी ऑटोमेशन, प्राइवेट सिक्योरिटी के कानूनी पहलुओं के अलावा, इंटेलिजेंस, इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, एविएशन सिक्योरिटी, वीआईपी प्रो टेक्शन और रिटेल सिक्योरिटी का प्रशिक्षण प्रमुख रूप से दिया जाता है।

योग्यता

इस डिप्लोमा कोर्स के लिए स्नातक होना जरूरी है। इसमें 20 से 27 साल के बीच के स्नातक अप्लाई कर सकते हैं। एनसीसी क्षेत्र के बी और सी सर्टिफिकेट धारकों को आमतौर पर विशेष रियायत मिलती है(राष्ट्रीय सहारा,5.7.11)।

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