मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

09 जुलाई 2011

यूपीःछात्रवृत्ति पर कंप्यूटर की सख्त पहरेदारी से रुकेगी धांधली

गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के वितरण में अब कंप्यूटर ही कंट्रोलर होगा। इसका नेटवर्क शासन से लेकर जिलों और विद्यालयों तक होगा। खास बात यह कि पूरी व्यवस्था इतनी पारदर्शी होगी कि छात्र और शासन के अधिकारी खुद पूरी योजना से किसी भी समय अपडेट हो सकते हैं। समाज कल्याण अधिकारी की भूमिका को डाकिए तक सीमित कर दिया गया है। विभाग के अधिकारी कहते हैं-कंप्यूटर हमारी योजनाओं का नया पहरेदार है। पिछले कुछ सालों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में घोटाले के दर्जनों मामले प्रकाश में आये हैं। लखनऊ, गाजियाबाद के चार कालेजों के खिलाफ तो अभी एक माह पहले ही प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। अभी भी दर्जनों मामलों की जांच चल रही है। इसे रोक पाना शासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी। प्रमुख सचिव समाज कल्याण बलविंदर कुमार कहते हैं कि अब हम काफी हद तक सक्षम हैं। छात्रवृत्ति उन्हीं को दी जाएगी, जिनका नाम पहले ही मास्टर डाटा में फीड होगा। अभी तक इसमें लापरवाही बरती जाती रही है। संस्थाएं जानबूझकर डाटा फीडिंग देर से कराती थीं ताकि अपनी मनमानी की जा सके। अब असली पकड़ छात्र-छात्राओं को मिले यूनीक नंबर से होगी। विभागीय लोगों के अनुसार कई मामलों में एक-एक छात्र का कई संस्थाओं में प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के करोड़ों रुपये निकाल लिए गए। कानपुर में चंद्रेश प्रजापति और कासिफ नामक दो युवकों का मामला तो काफी चर्चा में रहा था। अब ऐसा करना संभव नहीं होगा। मास्टर डाटा बेस में यूनीक नंबर फीड होते ही वह इसकी चुगली कर देगा कि अमुक छात्र का प्रवेश दूसरे विद्यालय में भी है। इसकी वजह से फर्जी एकाउंट भी नहीं खोले जा सकेंगे(हरिशंकर मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,9.7.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।