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01 जुलाई 2011

पीएमटी पर्चा लीक कांड: नहीं होगी पर्चा बेचने, खरीदने वालों को जमानत

पीएमटी पर्चा लीक करने के मामले में आरोपी मेडिकल स्टूडेंट की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है, वहीं पर्चा खरीदने वाली चार छात्राओं को भी अग्रिम जमानत नहीं मिली। जिला कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पर्चा लीक करना और खरीदना दोनों ही गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

इस घटना के चलते पूरे प्रदेश में परीक्षा रद्द की गई, वहीं हजारों छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ हुआ।

पीएमटी पर्चा लीक करने मामले में आरोपी हेमंत दीक्षित और पर्चा खरीदने वाली चार छात्राओं ने जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत याचिका लगाई थी। सिम्स का मेडिकल स्टूडेंट हेमंत फिलहाल जेल मंे है।

उसने अधिवक्ता अवध त्रिपाठी के जरिए नियमित जमानत के लिए याचिका लगाई थी। इसके साथ ही शरण्या श्रीवास्तव पिता शक्तिनारायण श्रीवास्तव, निधि श्रीवास्तव पिता शैलेन्द्र श्रीवास्तव, पूजा राठौर पिता सेवतलाल राठौर व अनिता साहू पिता प्रेमचंद्र साहू ने अधिवक्ता मतीन सिद्दिकी, संदीप सिंह व सिद्धार्थ शुक्ला के जरिए अग्रिम जमानत मांगी थी। मामले की सुनवाई गुरुवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ के कोर्ट में हुई।


सुनवाई के दौरान शासकीय वकील जीपी कौशिक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी लोगों को जमानत दिए जाने का विरोध किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी दीक्षित की नियमित जमानत अर्जी और सभी छात्राओं की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पीएमटी का पर्चा लीक होने के कारण पूरे प्रदेश में परीक्षा निरस्त करनी पड़ी, इससे हजारों निर्दोष छात्रों का भविष्य खराब हुआ। कोर्ट ने कहा कि पूरा मामला गंभीर का है और पर्चा लीक करने वाले गिरोह के साथ ही वे विद्यार्थी भी समान रूप से दोषी हैं, जिन्होंने पर्चा खरीदा। गौरतलब है कि इस मामले में हफ्तेभर पहले तखतपुर कोर्ट ने गिरोह के एक अन्य सदस्य बैजनाथ गुप्ता की जमानत अर्जी खारिज की थी।

क्या है मामला

पीएमटी के पहले रात में पर्चा लीक कांड का खुलासा 18 जून को दैनिक भास्कर की डीबी स्टार टीम ने किया था। सूचना मिलने के बाद रायपुर और बिलासपुर की क्राइम ब्रांच की टीम ने तखतपुर से 7 आरोपियों आकाश जायसवाल, हेमंत दीक्षित, रवि सिंह, संजीत कुमार, चंद्रमणि कुमार, धीरज कुमार उपाध्याय, अखिलेश पांडेय उर्फ बब्बू के साथ 72 छात्र-छात्राओं को केमिस्ट्री का पर्चा हल करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। 

इसमें से सातों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 34 के तहत कार्रवाई की गई। छात्र-छात्राओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ परीक्षा अधिनियम की धारा 3(घ) के तहत मामला दर्ज किया गया। मुख्य आरोपी संतोष उर्फ संजय अभी भी फरार है। इनमें से गिरोह में शामिल सिम्स के स्टूडेंट हेमंत दीक्षित ने नियमित जमानत व 72 में से 4 छात्राओं ने अग्रिम जमानत की याचिका कोर्ट के समक्ष पेश की थी। 

जज को केस डायरी देखने की सलाह

बुधवार को मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिता झा के कोर्ट में हुई। बहस के दौरान जमानत के लिए पैरवी कर रहे हाईकोर्ट के एक वकील ने जज से कह दिया कि वे फैसले के पहले केस डायरी को देख लें। कोर्ट रूम में इस तरह की को जज ने गंभीरता से लिया, बल्कि वकील से कि क्या वे केस डायरी पढ़े बिना ही फैसले देती हैं। उन्होंने मामले को पंचम सत्र न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,1.7.11)।

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