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19 जुलाई 2011

राजस्थानः एमबीबीएस परीक्षा में दो साल पुराना पेपर रिपीट

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के फीजियोलॉजी पेपर में सोमवार को छात्र उस समय चकित रह गए, जब जून 2009 में आयोजित परीक्षा के वही सवाल, उतने ही नंबर तथा उसी क्रम का पेपर आ गया। इससे विश्वविद्यालय की परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई है। छात्रों का आरोप है कि जिस तरह से दो साल पुराना प्रश्नपत्र बांटा गया है, वह पेपर आउट करने का तरीका हो सकता है। उन्होंने परीक्षा दुबारा लेने की मांग की है। उधर, यूनिवर्सिटी के अफसरों ने इस मामले की जानकारी होने से इनकार किया। जब उन्हें इस संबंध में बताया गया तो उनका कहना था कि पेपर रिपीट होने में गलत क्या है। जानकारों की मानें तो पहले से ही पेपर आउट होने की सूचना मिल रही थी।
हूबहू पेपर आने पर हैल्थ यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डॉ.विनोद बिहाणी से भास्कर ने बात की तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय की ओर से इसी साल 29 जून को आयोजित एमएससी नर्सिग प्रथम वर्ष की परीक्षा में भी पिछले साल का पेपर हूबहू आने का मामला सामने आया था।
कैसे हो सकता है पेपर रिपीट
साजिश
गाइड प्रकाशकों और पेपर आउट कराने वालों से मिलीभगत। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब गाइड प्रकाशकों और पेपर आउट कराने वालों को पहले ही बता दिया जाता है कि कौनसा पेपर आने वाला है।
लापरवाही
चयनकर्ता कई पेपरों को एक साथ रखकर पेपर बनाते हैं। ये भी संभव है कि गलती से पुराना पेपर ही चयनित प्रश्नों की सूची में चला गया हो।
संयोग
दोनों बार प्रश्नों का चयन संयोग से एक हो सकता है। हालांकि प्रश्नों का क्रम एक ही होने के कारण इसकी संभावना कम है। 

उदयपुर में तीस तीस हजार में बिका पर्चा
एमबीबीएस का हस्तलिखित गैस पेपर हजारों रुपए में बिक रहा है। इस गैस पेपर को कन्फर्म पर्चा बताकर बेचा जा रहा है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज में सोमवार को फीजियोलॉजी फस्र्ट ईयर का पेपर होने तक इस विषय के पर्चे को लेकर ठगी चलती रही।
सात दिन पहले से ही शहर में उपलब्ध इस पर्चे को अधिकतम 30 हजार रुपए तक में बेचा गया। भास्कर ने पर्चा सप्लाई करने वाले रैकेट के एक सदस्य को खोज निकाला।
भास्कर संवाददाता ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र बनकर पेपर सप्लायर से सौदा किया। सप्लायर ने दावा किया कि प्रदेश के सभी छह मेडिकल कॉलेजों में यह पेपर पहुंचाए गए हैं। हालांकि, इस पर्चे के सिर्फ 25 फीसदी प्रश्न ही मैच हुए।


ऐसे चला स्टिंग ऑपरेशन
सुबह 8 बजे किया फोन :
सप्लायर से सुबह 8 बजे फोन पर बात हुई। परीक्षा 9 बजे थी। इस कारण कीमत 500 रु. बताई। संवाददाता को सेक्टर 4 के चौराहे पर बुलाकर 500 रु. में राजस्थान यूनिवर्सिटी के नाम से हस्तलिखित पर्चा थमा दिया गया।
सप्लायर ने बताया कि सेक्टर 4 सहित एमबी कॉलेज रोड तथा चेटक सर्कल पर भी पेपर की सप्लाई होती है। यह पेपर विश्वविद्यालय से ही आए हैं। पर्चा फीजियोलॉजी सेकंड का था।
फस्र्ट का मांगा गया तो उसने बताया कि पेपर फस्र्ट को ही सेकंड लिखा गया है, ताकि कोई समझ नहीं पाए। उसके पास फीजियोलॉजी पार्ट सेकंड का पर्चा भी था। कीमत 20 हजार रुपए बताई गई।

जयपुर भेजी है सूचना
पुलिस की सहायता से यह पर्चा आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस.के. कौशिक को भेजा गया। उन्होंने पेपर को तुरंत राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में फैक्स करवाया तथा उदयपुर में चल रही इस गतिविधि की जानकारी दी। इससे पूर्व भास्कर ने कलेक्टर हेमंत गेरा को भी सुबह 11 बजे गैस पेपर की कॉपी भेज दी थी।
यूं निर्धारित होती है पेपर की कीमत
7 दिन पहले : 30 हजार रुपए
5 दिन पहले : 25 हजार रुपए
3 दिन पहले : 20 हजार रुपए
2 दिन पहले : 15 हजार रुपए
1 दिन पहले : 10 हजार रुपए
12 घंटे पहले : 5 हजार रुपए
6 घंटे पहले : 2 हजार रुपए
1 घंटे पहले : कोई शुल्क नहीं(सुरेन्द्र स्वामी,दैनिक भास्कर,जयपुर,19.7.11)

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