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19 जुलाई 2011

रैगिंग की तो जाओगे डीयू से बाहर

डीयू के वाइस चांसलर प्रो. दिनेश सिंह ने स्टूडेंट्स को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसी भी कॉलेज में रैगिंग की शिकायत आई तो दोषी को सीधे यूनिवर्सिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैंपस में रैगिंग के लिए कोई जगह नहीं है और जो स्टूडेंट्स इस तरह की गतिविधि में शामिल पाए गए, उनके साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

कॉलेजों को भी रैगिंग रोकने के लिए खास इंतजाम करने होंगे और फ्रेशर्स की शिकायत पर फौरन एक्शन लेना होगा। डीयू के नॉर्थ कैंपस के कंट्रोल रूम में 27667221 और साउथ कैंपस कंट्रोल रूम में 24119832 पर फोन किया जा सकता है।

प्रो. सिंह ने बताया कि कॉलेजों में तो एंटी रैगिंग टीम बनाई ही जा रही हैं, इसके अलावा यूनिवर्सिटी भी अपनी सीक्रेट टीम तैयार कर रही है। इस टीम में यूनिवर्सिटी के अधिकारी, सिक्युरिटी ऑफिसर और वॉलंटियर भी शामिल होंगे। टीम के सदस्य कॉलेजों में जाएंगे और हालात पर नजर रखेंगे।

सीक्रेट टीम के सदस्य अगर किसी स्टूडेंट को पकड़ते हैं तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी। वीसी ने कहा कि रैगिंग के खिलाफ यूनिवसिर्टी ने सख्त कदम उठाए हैं और रैगिंग फ्री कैंपस बनाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं।

डीयू ने इस बार स्टूडेंट्स को जागरूक करने के लिए रैगिंग के खिलाफ पोस्टर भी जारी किए हैं। प्रॉक्टर प्रो. एच. पी. सिंह ने बताया कि हजारों की संख्या में पोस्टर तैयार कराए गए हैं और हर कॉलेज को ये पोस्टर भेजे जा रहे हैं। पोस्टर में रैगिंग के खतरों के बारे में स्टूडेंट्स को आगाह किया गया है। हर कॉलेज और हॉस्टल में ये पोस्टर लगाए जाएंगे।


पुलिस के साथ भी यूनिवर्सिटी अधिकारियों की मीटिंग हो चुकी है और कैंपस में पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी होंगे। डीटीसी बसों में भी स्टूडेंट्स की सेफ्टी के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। हॉस्टलों में भी एंटी रैगिंग टीमें बनाई गई हैं। 

खास बात यह है कि यूजीसी ने भी सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को नोटिस जारी कर कहा है कि अगर रैगिंग को नहीं रोका गया तो उन संस्थानों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। हर कॉलेज को अपनी वेबसाइट व नोटिस बोर्ड पर उन सभी टीचर्स के नंबर जारी करने होंगे, जिनसे स्टूडेंट्स रैगिंग की शिकायत कर सकें। प्रिंसिपल ऑफिस में कंप्लेंट बॉक्स भी होंगे। यूजीसी की हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5522 पर अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यहां शिकायत आने के बाद संबंधित यूनिवर्सिटी व कॉलेज के हेड के पास जानकारी भेजी जाएगी और एक्शन होगा(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,19.7.11)।

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