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13 जुलाई 2011

पहले दो सेमेस्टर क्लीयर होने पर ही आईपी में माइग्रेशन संभव

गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विविद्यालय में अब अन्य विविद्यालयों के विद्यार्थियों का माइग्रेशन काफी मुश्किल होगा। आईपी विविद्यालय में अब केवल दूसरी यूनिवर्सिटीज के उन्हीं विद्यार्थियों का माइग्रेशन हो सकेगा, जिन्होंनेदो सेमेस्टर के सभी पेपर पास कर लिये होंगे। पहले अबेटेड रिजल्ट के आधार पर ही आईपी के संस्थानों में अन्य विवि के स्टूडेंट्स का माइग्रेशन हो जाता था। इस संबंध में आईपी ने अपने सभी संस्थानों को आदेश जारी कर दिया है। आईपी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार कर्नल प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि वर्तमान में विवि से कुल 114 संस्थान संबद्ध हैं। इनके विभिन्न पाठ्यक्रमों में हर साल माइग्रेशन होता है। अब तक हो यह रहा था कि विविद्यालय की स्वीकृति के बिना ही कुछ संस्थान विद्यार्थियों को दाखिला देकर उनसे फीस ले लेते थे। यह मामला कोर्ट में भी चला गया। अब विविद्यालय ने सभी संस्थानों को आदेश जारी किया है कि कोई भी संस्थान बिना विवि की स्वीकृति के माइग्रेशन के मामलों में न ही विद्यार्थी को दाखिला दें और न ही उनसे किसी तरह की फीस लें। साथ ही यह भी कहा गया है कि किसी भी कोर्स में माइग्रेशन केवल तीसरे सेमेस्टर में ही हो सकता है। यदि विद्यार्थी दो सेमेस्टर के किसी भी पेपर में फेल है तो उसका माइग्रेशन नहीं हो सकता। कर्नल उपमन्यु ने बताया कि हर साल 20 से 25 विद्यार्थी अन्य विविद्यालयों से यहां माइग्रेशन के लिए आवेदन करते हैं। रूल के मुताबिक दूसरी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी को माइग्रेशन के लिए विवि में सीधा आवेदन करना चाहिए, लेकिन विद्यार्थी विवि में आवेदन करने के बाद बिना स्वीकृति लिए जिस संस्थान में माइग्रेशन चाह रहे होते थे, उस संस्थान में चले जाते थे और क्लासों में बैठकर पढ़ाई शुरू कर देते थे(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,13.7.11)।

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