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03 जुलाई 2011

मिड-डे मील मिलेगा दसवीं कक्षा तक

केंद्र सरकार फ्लैगशिप मध्यान्ह भोजन योजना ‘मिड डे मील’ का दायरा बढ़ाकर दसवीं कक्षा तक करना चाहती है। मानव संसाधन मंत्रालय ने बारहवीं योजना के लिए लक्ष्य पर विचार कर रही उपसमिति की शर्तो में इस मसले को प्रमुखता से जगह दी है।

कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के दलित,पिछड़े और अल्पंसख्यक एजेंडे को ध्यान में रखकर मंत्रालय ने एससी,एसटी और अल्पसंख्यक बहुल जिलों में निजी स्कूलों और गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों तक भी मध्यान्ह भोजन स्कीम को पहुंचाने का मन बनाया है।

मंत्रालय के उच्च अधिकारी के मुताबिक अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों,और एससी-एसटी इलाकों के स्ववित्तपोषी निजी स्कूलों तक स्कीम को पहुंचाने का मसला भी उपसमिति की शर्तो में शामिल है।

गौरतलब है कि अभी तक आठवीं कक्षा तक मध्यान्ह भोजन स्कीम के तहत पका हुआ भोजन स्कूलों मे दिया जाता है। कुल 12 करोड़ बच्चों को 12 लाख 65 हजार स्कूलों तक स्कीम का फायदा पहुंचाया जा रहा है।

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का तर्क है कि बारहवीं योजना के दौरान स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा मे विस्तार योजना का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। सरकार इस अवधि के दौरान शिक्षा का दायरा व्यापक रूप से बढ़ाना चाहती है। इसी मुहिम में बच्चों को स्कूली स्तर से ही प्रोत्साहित करने की योजना पर काम हो रहा है।

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का मानना है कि मिड डे मील के चलते स्कूली शिक्षा में काफी प्रगति हुई है। आठवीं कक्षा तक स्कूलों में इनरोलमेंट दर काफी बढ़ा है। लेकिन ड्रॉप आउट की चुनौती बनी हुई है।



मंत्रालय सूत्रों का मानना है कि अगर दसवीं तक मिड डे मील का दायरा बढ़ा तो सेकेंडरी स्तर तक दाखिले और ड्रॉप आउट की समस्या पर कुछ रोक लग सकती है। 

विस्तार योजना के तहत ही मानवसंसाधन मंत्रालय ने पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए बने मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा कानून को हाल ही में दसवीं कक्षा तक बढ़ाने का फैसला किया है। मिड डे मील का दायरा बढ़ाने की मंशा को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है।

उच्च अधिकारी के मुताबिक हम शिक्षा को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक समग्र रूप से देखना चाहते हैं। इसी लिहाज से योजनाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,3.7.11)।

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