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08 जुलाई 2011

यूपीःशिक्षामित्र नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक

यदि मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीटीई की तरफ से प्रस्ताव तैयार करने में कोई गलती नहीं हुई है तो स्नातक शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण बाद बड़ा झटका लग सकता है। सहायक अध्यापक बनने का सपना देख रहे स्नातक शिक्षा मित्रों को केवल ट्रेंड शिक्षा मित्र के दर्जे से संतोष करना पड़ सकता है। उन्हें स्थाई सहायक अध्यापक का वेतनमान देने के बजाय 15 हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव है। इसी प्रस्ताव के आधार पर शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। मास्टर ट्रेनर जिले और ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षकों को ट्रेंड करेंगे, उसके बाद शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग होगी।

प्रदेश में एक लाख 24 हजार स्नातक शिक्षा मित्रों को स्थाई करने के लिए सरकार ने एनसीटीई के पास प्रस्ताव भेजा था। एमएचआरडी के हस्तक्षेप पर एनसीटीई ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। तय किया गया कि स्नातक शिक्षा मित्रों को दो साल का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्थाई किया जाएगा लेकिन ट्रेनिंग के लिए जो प्रारूप सर्व शिक्षा अभियान, एससीईआरटी और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मिला, उसने सबको चौंका दिया।
प्रस्ताव में साफ है कि दो साल की ट्रेनिंग के बाद उन्हें ट्रेंड शिक्षा मित्र कहा जाएगा। मानदेय का जिक्र प्रस्ताव में नहीं है लेकिन प्रशिक्षण के लिए हुई कार्यशाला में जो अधिकारी दिल्ली गए थे, उनके मुताबिक वहां बताया गया कि 15 हजार रुपये तक दिया जा सकता है। प्रस्ताव के इन बिंदुओं पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान में सह समन्वयक और शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग के लिए बनाए गए तीन प्रभारियों में से एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है। एमएचआरडी और एनसीटीई के अधिकारियों के साथ इस मसले पर बैठक प्रस्तावित है(अमर उजाला,इलाहाबाद,7.7.11)।

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