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10 जुलाई 2011

बिहारःड्रेस कोड का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

राज्य के सरकारी विद्यालयों में निर्धारित ड्रेस कोड का पालन नहीं कराने वाले प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने इस बाबत राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि विभिन्न माध्यमों से सूचना मिल रही है कि मुख्यमंत्री पोशाक योजना के अंतर्गत दी गयी राशि से पोशाक नहीं बनवाये जा रहे हैं। उन्होंने इसकी जांच के लिए स्कूलों में औचक निरीक्षण करने का आदेश भी दिया है। उन्होंने कहा कि लड़कों के लिए नेवी ब्लू रंग का हॉफ पैंट तथा उजला शर्ट और लड़कियों के लिए नेवी ब्लू रंग की कमीज, उजला सलवार तथा उजला दुपट्टा ड्रेस के रूप में निर्धारित है। मालूम हो कि वर्ष 2010-11 में 80.79 करोड़ का प्रावधान कर 22.70 लाख बच्चों को पोशाक का लाभ दिया गया। वर्ष 2011-12 में 36.67 लाख बच्चों को 91.67 करोड़ का लाभ देने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के अन्तर्गत 6 से 8 वर्ग की अब तक 38 लाख छात्राओं को प्रति छात्रा 700 रुपये की दर से राशि दिया जा रहा है। इसके तहत सरकार ने 266.20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसी के तहत वर्ग 1 व 2 के छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए 400 रुपये प्रति वषर्, वर्ग 3 से 5 के छात्र-छात्राओं को 500 रुपये प्रति वषर्, वर्ग 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को 700 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को एक हजार रुपये प्रतिवर्ष दिये जा रहे हैं। कक्षा 3 से 5 के 88 लाख छात्र- छात्राओं को प्रति छात्र 500 रुपये की दर से कुल 440.00 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है। वर्ग 9 से 12 में पढ़ने वाली बालिकाओं को प्रति छात्रा 1000 रुपये पोशाक के लिए मिल रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार ने राज्य के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अब तीन से छह वर्ष तक के नामांकित बच्चों को भी पोशाक देने की घोषणा कर रखी है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नामांकित बच्चों को यह राशि समाज कल्याण विभाग के माध्यम से दी जायेगी। सरकार ने इसके तहत अपने संसाधन से प्रतिवर्ष प्रति बच्चा 250 रुपये की दर से पोशाक देने का निर्णय लिया है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,10.7.11)।

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