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07 जुलाई 2011

इलाहाबाद विश्वविद्यालयःदाखिले की दौड़ तो पूरी हुई, अब रहेंगे कहां

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया आधी से ज्यादा पूरी हो गई है। स्नातक कक्षाओं में दाखिले अंतिम चरण में हैं। 11 जुलाई से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होगा। इसके बावजूद छात्रों के रहने की अभी भी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। हालांकि, छात्रावासों के आवंटन के लिए फार्म भरे जा रहे हैं, लेकिन छात्र भी यह जानते हैं हॉस्टल पाना आसमान से तारे तोड़ने जैसा है। स्नातक की सभी कक्षाओं में लगभग पांच हजार छात्रों का प्रवेश होना है। इसके अतिरिक्त त्रिवर्षीय व पंचवर्षीय विधि स्नातक और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में लगभग दो हजार से अधिक छात्रों का प्रवेश होना है। दाखिला ले चुके छात्र हॉस्टल आवंटन के लिए भी फार्म भर रहे हैं। इसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई है। इसके और भी बढ़ने की संभावना है, पर मुख्य सवाल यह है कि आखिर इतने अधिक छात्रों के रहने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या व्यवस्था कर रखी है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो विश्वविद्यालय के कुल 14 छात्रावास हैं। इनमें 9 बालकों के लिए और पांच बालिकाओं के लिए हैं। इनमें 1,444 छात्रों और 1,141 छात्राओं के रहने की व्यवस्था है। इसके अलावा पांच छात्रावास ट्रस्ट द्वारा संचालित हैं। ये केवल पुरुष छात्रों के लिए हैं। छात्रावास आवंटन में भी आरक्षण की व्यवस्था लागू है। अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए 27 प्रतिशत, शाराीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए तीन प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। एक अनुमान के मुताबिक बमुश्किल हर सत्र में महज 500 छात्र ही कमरे छोड़ते हैं। अगर हर सत्र में एडमीशन लेने वाले छात्रों की संख्या से इसकी तुलना करें तो यह ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित होता है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण आरके सिंह कहते हैं कि हर एडमीशन लेने वाले को तो शायद ही कभी आवास मुहैया कराया जा सका हो। अलबत्ता एक ग‌र्ल्स कॉलेज और राधाकृष्णन छात्रावास की ऊपरी विंग तैयार होने से इस सत्र में 375 अन्य छात्र-छात्राओं को आवास मुहैया कराया जा सकता है(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,7.7.11)।

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