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06 जुलाई 2011

ब्लॉकवार जुटाया जाएगा लखनऊ के विद्यालयों का ब्योरा

चौक की घनी गलियों के बीच का कोई निजी विद्यालय हो या फिर माल मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर स्थित कोई प्राथमिक विद्यालय। जल्द ही राजधानी के सभी विद्यालयों से जुड़ी जानकारियों को जुटा कर डिजीटल डायरेक्टरी बनाने का काम शुरू किया जाएगा। इसकी सहायता से बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों की जानकारी प्राप्त करने में कोई असुविधा नहीं होगी। राजधानी में परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या की जानकारी तो बेसिक शिक्षा विभाग को है लेकिन निजी विद्यालयों की क्या स्थिति है, इससे विभाग अनजान है। इसके लिए पूरे प्रदेश में ब्लाकवार सभी स्कूलों की डायरेक्टरी बनाने का आदेश राज्य परियोजना निदेशालय से जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। डिजीटल डायरेक्टरी में न सिर्फ विद्यालयों और शिक्षकों की संख्या होगी बल्कि विद्यालय में कितने कमरे होंगे, हैंडपम्प है या नहीं, विद्यालय के पास कितनी भूमि, इसकी जानकारी का उल्लेख होगा। इस डिजीटल डायरी में निजी स्कूलों की मान्यता, शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का उल्लेख होगा। बीएसए वीपी सिंह ने बताया कि डिजीटल डायरी के संबंध में आदेश राज्य परियोजना कार्यालय से आ गया है। डिजीटल डायरी में कक्षा पांच से छह में जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या का भी उल्लेख होगा। इससे साथ ही आंकड़ें जुटाने के दौरान बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों की भी जानकारी होगी। बीएसए कहते हैं कि इससे राजधानी में शिक्षा की सही स्थिति का आंकलन लगाया जा सकेगा। आवेदन सात से : महिला महाविद्यालय में गृहविज्ञान व मनोविज्ञान से स्नातकोत्तर और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन के प्रवेश फॉर्म सात जुलाई से मिलेंगे। प्रवेश फॉर्म की कीमत चार सौ रुपये निर्धारित है(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.7.11)।

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