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28 जुलाई 2011

यूपीःस्कूलों की गुणवत्ता पर रहेगी नजर

शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के कामकाज की गुणवत्ता का नियमित तौर पर मूल्यांकन होगा। स्कूलों की गुणवत्ता के समग्र मूल्यांकन की प्रक्रिया निर्धारित करने की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) पर होगी। गुणवत्ता का मूल्यांकन आंतरिक व बाहरी संगठनों के माध्यम से होगा। उत्तर प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011 के अनुसार स्कूलों की गुणवत्ता का साल में कम से कम एक बार विभागीय मूल्यांकन होगा। वहीं हर दो साल पर बाहरी संस्था के माध्यम से स्कूलों की गुणवत्ता का आकलन कराया जाएगा। गुणवत्ता के वार्षिक मूल्यांकन के लिए एससीईआरटी प्रश्न बैंक तैयार करेगा। इस प्रश्न बैंक के आधार पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) रैंडम आधार पर प्रत्येक ब्लॉक के स्कूलों का आकलन करेगा। हर साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक स्कूलों की गुणवत्ता मूल्यांकन का जिलावार, ब्लॉकवार प्रतिवेदन जिला मजिस्ट्रेट और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत किया जाएगा। बाहरी संस्था को मूल्यांकन कार्य सौंपे जाने के छह महीने के भीतर परिणाम प्रस्तुत करने होंगे जिसे राज्य स्तरीय विद्यालय एवं विद्या निर्धारण प्रतिवेदन के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। बाहरी संस्था द्वारा किये जाने वाले द्विवर्षीय मूल्यांकन में छात्रों के विद्या प्राप्त करने का स्तर तथा क्लास में होने वाली पढ़ाई में पाठ्यपुस्तकों, अध्यापक संदर्शिका व अन्य संबंधित सामग्री की उपलब्धता व उपयोग का आकलन किया जाएगा। स्कूलों की गुणवत्ता के मूल्यांकन के जिलावार परिणाम राज्य सरकार, एससीईआरटी और सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय को सुसंगत कार्यवाही के लिए भेजे जाएंगे। वहीं ब्लॉकवार परिणाम जिला मजिस्ट्रेट और बीएसए को कार्यवाही के लिए भेजे जाएंगे। एससीईआरटी तैयार करेगा पाठ्यक्रम : प्रारंभिक शिक्षा के लिए विभिन्न विषयों के कोर्स तैयार करने और बच्चों की मूल्यांकन प्रक्रिया निर्धारित करने की जिम्मेदारी एससीईआरटी को सौंपी गई है। एससीईआरटी पर पाठ्य पुस्तकें व सीखने की अन्य सामग्री तैयार करने का दायित्व भी होगा। छात्र को प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के एक महीने के अंदर इस आशय का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह प्रमाणपत्र बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा संस्तुत प्रपत्र पर जारी किया जाएगा। निजी स्कूलों द्वारा जारी किये जाने वाले प्रमाणपत्रों पर आवंटित मान्यता पंजीकरण संख्या का भी उल्लेख किया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,28.7.11)।

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