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02 जुलाई 2011

डीयूःहिंदू कॉलेज के ईसीए दाखिलों में फिर विवाद

हिन्दू कॉलेज में ईसीए कोटे के दाखिले एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। इस बार करीब 17 सीटों के लिए अंजाम दी गई आवेदन प्रक्रिया के तहत 750 छात्र-छात्राएं मैदान में हैं और ऐसे में प्रिंसिपल पर आरोप लगा है कि वह जानबूझकर ईसीए की दाखिला प्रक्रिया में नियमों के विरुद्ध दखल दे रहे हैं। आरोप लगाने वाले कोई और नहीं, बल्कि कॉलेज स्टॉफ काउंसिल की ओर से बनाई गई पांच सदस्यीय ईसीए दाखिला समिति के कनविनर डॉ. राजेश कुमार हैं।

हालांकि, प्रिंसिपल प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव ने तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए साफ किया कि ईसीए ट्रॉयल में विशेषज्ञों की मौजूदगी अनिवार्य थी, इसलिए उन्होंने स्टॉफ काउंसिल प्रमुख होने के कारण कॉलेज के ही दो प्रतिभावान शिक्षकों को यह जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि वे होनहार छात्रों के चुनाव में ईसीए समिति की मदद करें।

ईसीए दाखिलों को लेकर हिन्दू कॉलेज में खड़ा हुआ यह हंगामा शुक्रवार को आए प्रिंसिपल के उस फरमान के बाद उपजा, जिसमें उन्होंने ईसीए की दाखिला समिति में डॉ. सुचित्रा गुप्ता और डॉ. अंजु श्रीवास्तव को विशेषज्ञ के तौर पर शामिल करने की बात कही थी। प्रिंसिपल के इस आदेश की कॉपी जैसे ही ईसीए की दाखिला समिति के पास पहुंची तो उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया।

समिति के कनविनर डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि पांच सदस्यीय मौजूदा कमेटी का गठन स्टॉफ काउंसिल की ओर से किया गया है और प्रिंसिपल मनमर्जी से इसमें नए सदस्यों को शामिल नहीं कर सकते हैं। 

उन्होंने बताया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी और अब जबकि चार जुलाई से प्रारम्भिक ट्रॉयल का आयोजन होने जा रहा है तो एकाएक दो नए सदस्यों को दाखिला प्रक्रिया में विशेषज्ञों के तौर पर शामिल करना सरासर अनुचित है। 

उनका कहना है कि प्रिंसिपल का यह कदम अनुचित है और नियमों के खिलाफ है, इसलिए इन विशेषज्ञों को मौजूदा पांच सदस्यों वाली समिति कतई अहमियत नहीं देगी। उन्होंने बताया कि सभी सदस्यों ने मिलकर प्रिंसिपल से तुरंत इस मामले में स्टॉफ काउंसिल की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है। 

प्रिंसिपल प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव की बात करें तो उनका कहना है कि उन्होंने कहीं भी किसी भी स्तर पर नियमों की अनदेखी नहीं की है। उन्होंेने बताया कि नौ अप्रैल 2011 को हुई स्टॉफ काउंसिल की बैठक में हुए फैसले के तहत ही उन्होंने विशेषज्ञों को ईसीए समिति से जोड़ा है। दोनों ही विशेषज्ञ कॉलेज में शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं और अनुभवी भी हैं, इसलिए उन्हें भरोसा है कि वे हमारी ईसीए समिति के लिए मददगार साबित होंगे।

याद रहे कि सत्र 2010-11 के दाखिलों के दौरान भी हिन्दू कॉलेज में ईसीए के दाखिले विवाद की वजह बने थे। उस समय हंगामा विभागों में कोटे से अधिक दाखिले किए जाने को लेकर खड़ा हुआ था। जबकि, इस बार तो समिति सदस्यों को लेकर ही ईसीए दाखिले विवादों में आ गए है। अब देखना यह है कि इस खींचतान के बीच छात्रों के लिए ईसीए कोटे के तहत दाखिला किस तरह से सम्भव होता है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,2.7.11)।

राष्ट्रीय सहारा की रिपोर्टः
हिन्दू कॉलेज में एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टीविटी (ईसीए) के दाखिले में ग्रहण लग सकता है। संभव है कि इस कोटे के दाखिले होने में दिक्कत हो और दाखिले को लेकर ट्रायल की तिथियां बदल जाएं। दरअसल कॉलेज की ईसीए एडमिशन कमेटी में चुनाव के बाद दोबारा से अतिरिक्त दो सदस्यों के नाम शामिल किए जाने को लेकर बवाल हो गया है। कॉलेज की स्टॉफ काउंसिल में चुनाव के जरिए पहले ही ईसीए दाखिला कमेटी गठित हो चुकी है। जिसके बाद अब एकाएक कॉलेज प्राचार्य द्वारा शुक्रवार को इस कमेटी में दो अन्य सदस्य शामिल कर दिए गए हैं। जबकि कमेटी के सदस्यों का चयन चुनाव के जरिए होता है। अब कॉलेज की ईसीए कमेटी में शनिवार को इस संबंध में बैठक कर फैसला लेने का फैसला किया है। बता दें कि हिन्दू कॉलेज में ईसीए कोटे में आवेदन प्रक्रिया 27 जून को खत्म हो चुकी है। शैक्षणिक सत्र-2011-12 के लिए कुल 750 आवेदन आए हैं। जिनके 4 से 6 जून तक प्राथमिक ट्रायल होना है, जिसके बाद 8 और 9 जून को फाइनल ट्रायल लिया जाएगा। कॉलेज के ईसीए में नाटक, वाद-विवाद, गायन, नृत्य, कथा लेखन, चित्रकला आदि शामिल हैं। जिनके ट्रायल होंगे। ईसीए एडमिशन कमेटी का गठन चुनाव के जरिए मार्च में हुआ था। जिसमें पांच सदस्यों का चुनाव हुआ था। इन पांच सदस्यों में से एक को एडमिशन कमेटी का संयोजक बनाया गया। डॉ. राजेश कुमार इस कमेटी के संयोजक हैं। अब जबकि ट्रायल शुरू होने में केवल 3 दिन रह गए हैं, ऐसे में शुक्रवार को कॉलेज प्राचार्य द्वारा ईसीए दाखिला समिति में दो सदस्यों को शामिल करने का सकरुलर जारी कर दिया है। कॉलेज प्राचार्य प्रो. विनय श्रीवास्तव द्वारा इतिहास की शिक्षिका सुचित्रा गुप्ता और केमिस्ट्री विभाग की अंजु श्रीवास्तव को ईसीए दाखिला समिति में शामिल किया गया है। डॉ. राजेश ने कहा कि इस तरह से एक बार चुनाव के जरिए गठित हो चुकी दाखिला कमेटी में बाद में किसी सदस्य को शामिल नहीं किया जा सकता है। डॉ. राजेश ने कहा कि यह विविद्यालय और कॉलेज के नियमों का उल्लंघन है। डॉ. राजेश ने बताया कि इस बाबत कमेटी की शनिवार को बैठक हो रही है, जिसमें इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।

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