मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

15 जुलाई 2011

झारखंडःप्रोन्नति अटकाने वालों की खैर नहीं

सूबे में अपने मातहतों की प्रोन्नति अटकाने वाले पदाधिकारियों की अब खर नहीं है। सरकार ने विभागों, प्रमंडलीय आयुक्तों एवं उपायुक्तों को पत्र लिखकर चेता दिया है। यही नहीं प्रोन्नति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मुख्य सचिव सुशील कुमार चौधरी ने पदाधिकारियों को स्पष्ट आदेश भी दिया है।

उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के सभी पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अपने अधीनस्थ कर्मियों की वार्षिक गोपनीय अभ्युक्तियों को निश्चित समय पर तैयार कर लिया गया है। निश्चित समय पर ऐसा नहीं करने वाले पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई होगी। सूबे में हजारों कर्मियों की प्रोन्नति पिछले कई सालों से लम्बित है। ऐसे में कई कर्मियों द्वारा प्रोन्नति को लेकर हाईकोर्ट में पीआइएल भी लगाया गया है और तो और गत दिनों प्रोन्नति अटकाने के मामले में सरकार के कार्मिक सचिव तक को हाईकोर्ट में पेश होना पड़ा है।


नहीं चलेगा बहाना: चारित्री एवं अभिलेखन (सीआर) तैयार करने के मामले में अब किसी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। सरकार द्वारा इसके लिए निश्चित दिशा-निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में यह भी कहा गया है कि समय पर सीआर तैयार नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
लम्बित मामले निपटाएं : पूर्व के लम्बित सीआर भी वर्तमान पदाधिकारी ही निपटाएंगे। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी कर्मी का पूर्व के किसी साल में सीआर नहीं भरा गया है, तो उसे तत्काल पूरा करें।
आरोपी कर्मियों के मामले को सुलझाने को कहा गया है। ऐसे कर्मियों के लिए पूर्व में सरकार द्वारा निकाले गए संकल्प का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुहरबंद लिफाफा शब्द का इस्तेमाल किया जाए। निगरानी का स्वच्छता प्रमाण पत्र अब एक साल के लिए मान्य होगा। इसके लिए अब निगरानी को प्रत्येक छह माह पर सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
प्रोन्नति समिति का गठन : कर्मियों को निश्चित समय पर प्रोन्नित दिए जाने के लिए सरकार द्वारा विभागीय प्रोन्नति समिति का भी गठन करने का निर्देश दिया गया है(हिंदुस्तान,दिल्ली,15.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।