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11 जुलाई 2011

आईपी का क्रेज है जबर्दस्त

डीयू में एडमिशन का फीवर अब उतर रहा है, अब स्टूडेंट्स के बीच गुरु गोविंद सिंह इंदप्रस्थ (आईपी) यूनिवसिर्टी हॉट बन चुकी है। आईपी यूनिवसिर्टी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एनबीटी लेकर आया है आईपी स्पेशनल सेमिनार की पूरी सीरीज। संडे को आईपी के द्वारका कैंपस में हुए एनबीटी लाइव काउंसलिंग सेमिनार में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और पैरंट्स पहुंचे। उन्होंने आईपी के एडमिशन प्रोसेस, कोसेर्ज और काउंसलिंग शेडयूल के बारे में सवाल पूछे। डीयू की तरह आईपी में एडमिशन लेने जा रहे स्टूडेंट्स भी कोसेर्ज के स्कोप को लेकर कन्फ्यूजन में दिखें।

कन्फ्यूजन दूर करने का बेहतरीन मंच

इस मौके पर यूनिवसिर्टी के रजिस्ट्रार डॉ. बी. पी. जोशी ने कहा कि एनबीटी के इस सेमिनार के जरिए स्टूडेंट्स यूनिवसिर्टी के एक्सपर्ट से सीधी बातचीत कर सकते हैं और कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए यह बेहतर मंच है। डॉ. जोशी ने कहा कि स्टूडेंट्स को वही कोर्स करना चाहिए, जिसमें उनका इंट्रेस्ट हो।

एक्सपर्ट टीम में यूनिवसिर्टी के जॉइंट रजिस्ट्रार (ऐकडेमिक) कर्नल प्रदीप कुमार उपमन्यु, यूनिवसिर्टी स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज की डीन प्रफेसर सुमन गुप्ता, यूनिवसिर्टी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज की डीन प्रफेसर अनु सिंह लाठर, जॉइंट रजिस्ट्रार नितिन मलिक, असिस्टेंट रजिस्ट्रार मनोज भट्ट, काउंसलिंग कॉडिर्नेटर रोनिता रॉय और करियर काउंसलर चेतना भटनागर शामिल थी। कर्नल उपमन्यु ने बताया कि र्फस्ट काउंसलिंग में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स भी सेकंड काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं। अगर किसी स्टूडेंट ने बीबीए में एडमिशन ले लिया है और सेकंड काउंसलिंग में उसे दूसरे इंस्टिट्यूट में जाने का मौका मिलता है तो स्टूडेंट शिफ्ट कर सकता है।


काउंसलिंग टलने से स्टूडेंट्स-पैरंट्स परेशान 

सेमिनार में आए पैरंट्स ने सवाल उठाया कि आईपी यूनिवसिर्टी के प्रोस्पेक्टस के मुताबिक एमसीए और बीटेक की काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन इन दोनों कोसेर्ज की काउंसलिंग टल गई है। इसी तरह से कुछ दूसरे कोर्स भी हैं। पैरंट्स ने कहा कि हर साल आईपी यूनिवसिर्टी के कुछ कोसेर्ज की काउंसलिंग देर से शुरू होती है और दूसरी यूनिवसिर्टी व इंस्टिट्यूट में काउंसलिंग शुरू हो जाती है। 

ऐसे में स्टूडेंट्स समझ नहीं पाते कि आईपी का वेट करें या दूसरी जगह मौका मिलने पर एडमिशन ले लें। जवाब में यूनिवसिर्टी के अधिकारियों ने कहा जब तक एआईसीटीई से सीटों की संख्यी की डिटेल नहीं आ जाती तब तक यूनिवसिर्टी बीटेक में एडमिशन प्रोसेस शुरू नहीं कर सकती। यूनिवसिर्टी की ओर से तैयारी पूरी है। बताया गया कि यूनिवसिर्टी के वाइस चांसलर कई बार एआईसीटीई के अधिकारियों से जाकर मिल चुके हैं। उम्मीद है कि सोमवार या मंगलवार को यह डिटेल मिल जाएगी और उसके बाद जल्द ही काउंसलिंग शुरू होगी। 

डीयू के ईवनिंग कॉलेज जैसी आईपी की सेकंड शिफ्ट 

जिस तरह से डीयू में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स मॉर्निंग व ईवनिंग कॉलेजों को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं। वही कन्फ्यूजन आईपी के इंस्टिट्यूट में र्फस्ट व सेकंड शिफ्ट को लेकर दिखी। स्टूडेंट्स ने पूछा कि सेकंड शिफ्ट की वैल्यू क्या फर्स्ट के बराबर है? इस पर एक्सर्पट्स ने बताया कि चाहे र्फस्ट हो या सेकंड शिफ्ट, दोनों जगह यूनिवसिर्टी की डिग्री ही दी जाती है। एक जैसा कोर्स होता है और एक साथ एग्जाम होते हैं। 

जिन इंस्टिट्यूट के पास सेकंड शिफ्ट चलाने का इंफ्रास्ट्रक्चर है, उन्हें इसकी मंजूरी दे दी जाती है। डिग्री पर इंस्टिट्यूट का नहीं बल्कि यूनिवसिर्टी का नाम होता है और उस पर यह नहीं लिखा जाता कि स्टूडेंट्स ने कौन सी शिफ्ट में पढ़ाई की है? स्टूडेंट्स को बताया गया कि पिछले साल बीबीए में टॉप करने वाला सेकंड शिफ्ट का स्टूडेंट था। 

दिल्ली के स्टूडेंट्स को 85 पर्सेंट सीटों पर एडमिशन 

सेमिनार में यह सवाल बार- बार आया कि दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व 85 पर्सेंट सीटों पर किसे एडमिशन मिलता है और एनसीआर में चलने वाले संस्थानों में एडमिशन का क्या फॉर्म्युला है? इस सवाल के जवाब में बताया गया कि जिन स्टूडेंट ने दिल्ली के स्कूल में पढ़ाई की है, वे 85 पर्सेंट सीटों के दायरे में आते हैं। इसके अलावा अगर दिल्ली के बाहर के स्कूल से 12वीं की है तो फिर वे आउट साइड दिल्ली कैटिगरी में आते हैं। 

जो इंस्टिट्यूट गाजियाबाद, नोएडा या हरियाणा समेत एनसीआर के अलग- अलग हिस्सों में हैं, वहां पर ऑल इंडिया रैंक के आधार पर एडमिशन होते हैं यानी वहां पर ऐसा कोई कोटा नहीं है। एनसीआर में स्थित संस्थानों में 85 पर्सेंट और 15 पर्सेंट सीट रिजर्व का फॉर्म्युला लागू नहीं होता और हर स्टूडेंट को एडमिशन का बराबर का मौका मिलता है(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,11.7.11)।

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