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20 जुलाई 2011

क्लाउड कंप्यूटिंग से बरसेंगी एक लाख नौकरियां

कंप्यूटर की पल-पल बदलती दुनिया में अब क्लाउड कंप्यूटिंग ने भारतीय बाजार में मजबूती से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। अनुमान जताया जा रहा है कि इस क्षेत्र से वर्ष 2015 तक एक लाख नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। शुरुआती दौर में ही क्लाउड कंप्यूटिंग 60 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रही है। भारत में फिलहाल इसका कारोबार 40 करोड़ डॉलर है, लेकिन वर्ष 2015 तक बढ़कर यह 450 करोड़ डॉलर का हो जाएगा। प्राइवेट क्लाउड लैंडस्केप इन इंडिया शीर्षक से किए गए अध्ययन के मुताबिक, आइटी-आइटीईएस, दूरसंचार, बैंकिंग व वित्तीय संस्थान और सरकारी क्षेत्र इसके प्रमुख उपभोक्ता होंगे। साथ ही भारतीय आइटी कंपनियां ग्लोबल स्तर पर भी क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करेंगी। इस क्षेत्र की विशेषज्ञ परी नटराजन का कहना है कि कुशल कर्मचरियों की कमी के चलते फिलहाल भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग के क्रियान्वयन में कंपनियों को मुश्किल हो रही है। एक अन्य विशेषज्ञ मनोज चुघ ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ने से कुशल मानव संसाधन की मांग बढ़ेगी। इसके लिए प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। चुग ने कहा कि आइटी कंपनियां अभी इस बेहद खास मौके की अहमियत नहीं समझ पा रही हैं। इसलिए डाटा सेंटर व सर्वर पर मोटा निवेश नहीं कर रही हैं। वहीं, यूनीक आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों के कारण सरकारी क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए काफी संभावनाएं पैदा हो रही हैं। क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग : क्लाउड कंप्यूटिंग ऐसी आइटी सेवाएं हैं, जिनसे कई सर्वर कंप्यूटरों को डिजिटल नेटवर्क के जरिये एक कंप्यूटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इंटरनेट उपभोक्ता वेबसाइट सर्च करने या डाटा शेयर करने के लिए जिस सर्वर का इस्तेमाल करते हैं, उसकी क्षमता सीमित होने से अधिक मांग की स्थिति में डाटा प्रवाह की गति धीमी हो जाती है(दैनिक जागरण,दिल्ली,20.7.11 में बेंगलुरू की रिपोर्ट)।

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