मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

13 जुलाई 2011

अजमेरःनिजी स्कूलों से गरीब बच्चों के दाखिले का ब्यौरा तलब

शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अब शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने जिले की सभी निजी व प्राइवेट स्कूलों से जानना चाहा है कि कानून के तहत उन्होंने गरीब तबके के कितने बच्चों को प्रवेश दिए हैं।

शाला प्रबंधन से ऐसे गरीब बच्चों की सूची भी तलब की है जिससे उसकी वास्तविकता का पता लगाया जा सके। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद अजमेर के सेंट स्टीफन स्कूल ने जरूर गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए द्वार खोले थे और लेकिन नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की जानकारी मिलने के साथ ही अधिकांश निजी स्कूलों ने सत्र 2011-2012 की प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी कर दी है। गरीबों के लिए ना कोई जगह नहीं रखी और ना ही नियमों के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश ही दिया।


अब जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय ने जिले की सभी निजी व प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन को पत्र भेजकर सात दिवस में प्रवेश से संबंधित सूचना मांगी है। मालूम हो कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के लिए रखना जरूरी है। इस कानून की पालना कई स्कूलों ने नहीं की है।

अजमेर शहर समेत जिले की सभी निजी शिक्षण संस्थाओं को पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है कि उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत गरीब तबके के बच्चों को 25 प्रतिशत प्रवेश दिया है या नहीं और दिया है तो ऐसे कितने बच्चों को प्रवेश दिया गया है। अगर समयाभाव के चलते जिन स्कूलों ने ऐसे बच्चों को प्रवेश नहीं दिया है तो आगामी वर्ष में इस नियम की कड़ाई से पालना की जाएगी। ऐसा नहीं करने पर संबंधित स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। 
मंजू दाधीच, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा(दैनिक भास्कर,अजमेर,13.7.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।