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21 जुलाई 2011

जामिया: इंटरव्यू को बाय-बाय

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अगले साल से नई एडमिशन पॉलिसी लागू हो सकती है। नई पॉलिसी में इंटरव्यू प्रोसेस खत्म करने की तैयारी की जा रही है। वाइस चांसलर नजीब जंग ने बताया कि जामिया में ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन लेवल पर हर कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के बेस पर होते हैं और टेस्ट में क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंटरव्यू फेस करना होता है लेकिन अगले साल से एडमिशन प्रोसेस में बदलाव होंगे।

लेकिन अब इंटरव्यू को खत्म कर दिया जाएगा और एडमिशन सिर्फ एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट पर ही होंगे। एंट्रेंस टेस्ट की वेटेज 100 पर्सेंट होगी और मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। एडमिशन पॉलिसी में किए जा रहे बदलावों को ऐकडेमिक काउंसिल से पास कराया जाएगा।

वीसी ने बताया कि जामिया में एडमिशन के लिए होने वाले इंटरव्यू की टीम में यूनिवसिर्टी के अधिकारियों के अलावा बाहर के एक्सपर्ट भी होते हैं और यूनिवसिर्टी की पूरी कोशिश होती है कि इंटरव्यू में स्टूडेंट्स को किसी तरह की शिकायत नहीं हो। लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स व उनके पैरंट्स के मन में इंटरव्यू को लेकर कुछ न कुछ दुविधा जरूर रहती है। इसी दुविधा को दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी सिर्फ एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट को ही एडमिशन का पैमाना बनाएगी।

वीसी ने कहा कि जामिया में एंट्रेंस टेस्ट का स्टैंडर्ड काफी हाई होता है और यूनिवसिर्टी लगातार कोशिश कर रही है कि यहां पर एजुकेशन का लेवल बेहतर से बेहतर बने। ऐकडेमिक काउंसिल में नई पॉलिसी को रखा जाएगा और मेंबर्स के सुझावों पर भी गौर होगा।

वीसी ने कहा कि जामिया में पूरे देश से स्टूडेंट्स एडमिशन ले रहे हैं और यूनिवर्सिटी की पूरी कोशिश है कि नॉर्थ इंडिया के अलावा साउथ से भी स्टूडेंट्स की संख्या यहां पर बढ़े। इस साल नॉर्थ ईस्ट के अलावा केरल से भी काफी स्टूडेंट्स एडमिशन ले रहे हैं। यूनिवर्सिटी चाहती है कि हर स्टेट से स्टूडेंट्स यहां पर आएं और यूनिवसिर्टी को नैशनल व इंटरनैशनल लेवल पर नई पहचान मिले।


जामिया में पीजी लेवल पर तो सेमेस्टर लागू हो चुका है और इस साल ग्रैजुएशन लेवल पर भी सेमेस्टर की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वीसी ने कहा कि हो सकता है कि इस साल ग्रैजुएशन के सारे कोसेर्ज में सेमेस्टर लागू न हो लेकिन जितने भी कोसेर्ज में सेमेस्टर लाया जाएगा, उन कोर्सेज के सिलेबस का स्टैंडर्ड हाई रहेगा। 

यूनिवर्सिटी एक्सपर्ट नए सिलेबस पर काम कर रहे हैं। सभी हेड ऑफ द डिपार्टमेंट को कहा गया है कि माकेर्ट की डिमांड को ध्यान में रखते हुए सेमेस्टर वाइज सिलेबस तैयार हो और सेमेस्टर पर टीचर्स की राय को भी तवज्जो दी जाएगी। 

वीसी ने कहा कि सेमेस्टर का मतलब केवल साल में दो बार एग्जाम करवाना ही नहीं है बल्कि स्टूडेंट्स को सेमेस्टर के जरिए ऐसे अवसर प्रदान करना है, जिसमें उन्हें पढ़ाई पूरी करते ही जॉब के बेहतर चांस मिले। सेमेस्टर में क्रेडिट सिस्टम भी लागू होगा और स्टूडेंट्स चाहे तो एक या दो सेमेस्टर में किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई कर सकते हैं(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.7.11)। 

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