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22 जुलाई 2011

बिहारःउर्दू की तरक्की को पंचायतों में खुलेगी लाइब्रेरी

उर्दू की तरक्की के लिए हर पंचायत में लाइब्रेरी खुलेगी। उर्दू जुबान के विकास के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। जितनी जिम्मेवारी सरकार की है उतनी ही जिम्मेवारी जनता की भी है कि उर्दू के लिए काम करे। ये बातें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाहिद अली खान ने हज भवन में बिहार उर्दू अकादमी पुरस्कार वितरण समारोह कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि लोग अपने बच्चों को पापा और मम्मी बोलने के लिए सिखाते हैं लेकिन अब्बा और अम्मी कहने के लिए नहीं। ऐसा नहीं होना चाहिए। उर्दू से मोहब्बत रखनी चाहिए तभी उर्दू अकादमी के लिए गौरव की बात होगी। उन्होंने कहा कि यतीम को तीन लाख रुपये सालाना दिया जा रहा है। इसे और बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने उर्दू के विकास के लिए उर्दू में खत एवं आवेदन लिखने की बात पर जोर दिया। मौके पर उन्होंने वर्ष 2006-2007 के उर्दू जुबान व अदब की खिदमत के लिए तनवीर अहमद अलवी, डॉ. शकीलुर्रहमान एवं अशरफ फरीद को इक्यावन हजार रुपये की नकद राशि का चेक एवं प्रमाण पत्र दिया। साथ ही उर्दू के विकास के लिए वर्ष 2008-2009 के लिए पंडित आनंद मोहन गुलजार जुतशी देहलवी, मुखतारउद्दीन अहमद आरजू, शमीम कासमी सहित कई को नकद राशि का चेक एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया(राष्ट्रीय सहारा,पटना,22.7.11)।

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