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14 जुलाई 2011

बिहारःशिक्षकों-सिपाहियों की बहाली पक्की

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रारंभिक शिक्षकों की वरीयता को स्वीकार कर लिये जाने के साथ ही राज्य में वेतनमान पर शिक्षक नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। मालूम हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य के 34 हजार 540 प्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षकों की वरीयता के आधार पर तैयार सूची पर अपनी मुहर लगा दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार को रोस्टर बनाकर तीन माह के अन्दर सूची सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 13 अक्टूबर निर्धारित की है। यह फैसला न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और जीएस दत्तू की खंडपीठ ने दी है। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद शिक्षक नियुक्ति की आस लगाये लोगों में खुशी की लहर है। करीब दो-ढाई साल से यह मामला न्यायालय में चल रहा है। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह भी इसी मामले को लेकर दिल्ली गये हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में विशेष कार्य पदाधिकारी न्यायमूर्ति एसके चटोपाध्याय को नियुक्त किया था जिसकी सुनवाई इसी साल के मई-जून माह में रांची में की गयी। विशेष कार्य पदाधिकारी ने इस मामले में पहले सरकार और बाद में अभ्यर्थियों की बात सुनने के बाद इसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने वरीयता के आधार पर राज्य सरकार को सूची बनाने का निर्देश दिया था। कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने वरीयता सूची भी बनायी। न्यायमूर्ति एसके चटोपाध्याय ने आपत्तियों की जांच कर अंतिम सूची कोर्ट को सौंप दी थी जिसमें करीब एक लाख अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं। कोर्ट ने बुधवार को इस सूची पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी। समझा जाता है कि कोर्ट अगली तिथि को नियुक्ति का आदेश दे सकती है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,14.7.11)।

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