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28 जुलाई 2011

मनोविज्ञान में करिअर

वर्तमान माहौल में एक ओर जहां लोगों की सुविधाओं में इजाफा हुआ है, वहीं चिंता, तनाव, अवसाद जैसी परेशानियां भी उभरकर सामने आई हैं। यही कारण है कि सामान्य व्यक्तित्व विकास के अलावा मानसिक परेशानियों के हल के रूप में मनोविज्ञान का महत्व बढ़ता ही जा रहा है। इतना ही नहीं, बेहतर कर्मचारियों के चयन में भी मनोविज्ञान से काफी मदद मिलती है। मनोविज्ञान मानव व्यवहार से जुड़े सभी पहलुओं का वैज्ञानिक अध्ययन है। इसलिए समाज के हर सेक्टर में किसी-न-किसी रूप में इसकी जरूरत बनी रहती है और यही कारण है कि मनोविज्ञान की आज कई शाखाएं बन चुकी हैं, जैसे चाइल्ड साइकोलॉजी, क्लिनिकल साइकोलॉजी, रिहैबिलिटेशन, काउंसलिंग, इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी, फिजियोलॉजिकल साइकोलॉजी, कॉगनिटिव साइकोलॉजी, न्यूरो साइकोलॉजी, सोशल साइकोलॉजी, क्रिमिनल साइकोलॉजी आदि। बढ़ती जरूरत के कारण इस फील्ड में अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं।

कैसे-कैसे कोर्स

बीए इन साइकोलॉजी, बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी, बीएससी इन साइकोलॉजी, एमए इन साइकोलॉजी, एमएससी इन अप्लायड साइकोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस ऐंड काउंसलिंग, पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड साइकोलॉजी केयर ऐंड मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल ऐंड कम्युनिटी साइकोलॉजी आदि कई तरह के कोर्सेज इस फील्ड में उपलब्ध हैं। कई संस्थानों में 12वीं में भी मनोविज्ञान की पढ़ाई होती है। इसके अलावा ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और एमफिल, पीएचडी लेवल पर भी इस विषय का अध्ययन किया जा सकता है। बाद में उच्च शिक्षा के स्तर पर मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाओं में से किसी में भी विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। 

शैक्षणिक योग्यता
कई संस्थानों में 12वीं में भी मनोविज्ञान की पढ़ाई होती है। जो विद्यार्थी मनोविज्ञान में स्नातक स्तर का कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे 12वीं उत्तीर्ण हों। मनोविज्ञान में पीजी के लिए इसी विषय में ग्रेजुएट होना जरूरी है। पीजी के बाद एमफिल व पीएचडी के लिए रास्ते खुलते हैं। 
व्यक्तिगत गुण जो विद्यार्थी मनोविज्ञान के माध्यम से कैरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि लोगों से मिलने-जुलने में उनकी दिलचस्पी हो। उनकी बातचीत का अंदाज बेहतर होना चाहिए। तभी वे दूसरों की बातों को, समस्याओं को ठीक से समझ सकेंगे। लोगों की समस्याएं या मनोवैज्ञानिक जरूरतें किसी भी फील्ड की हो सकती हैं, इसलिए साइकोलॉजिस्ट के लिए जरूरी है कि वे अपने सामान्य ज्ञान और समसामयिक जानकारी को दुरुस्त रखें। 

अवसर कहां-कहां
मनोवैज्ञानिक व्यक्तित्व और व्यवहार से संबंधित न सिर्फ आंकड़ों का संकलन करते हैं, बल्कि पर्सन, बिजनेस, मैनेजमेंट, एम्प्लॉई रिलेशन, लॉ, स्पोर्ट्स आदि विभिन्न परिस्थितियों में उन्हें लागू भी करते हैं। इसलिए मनोविज्ञान की जरूरत आज अनेक सेक्टर्स में है। स्कूलों, कॉलेजों आदि विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में काउंसलर के रूप में मौके मिलते हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की आज काफी मांग है। हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, रिहैबिलिटेशन सेंटर, समाज सेवा में संलग्न एनजीओ आदि में इन विशेषज्ञों को मौके मिलते हैं। कैदी सुधार गृहों में भी क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट को अवसर मिलते हैं, जबकि विभिन्न स्पोर्ट्स क्लब द्वारा खिलाड़ियों को मानसिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मनोवैज्ञानिकों की मदद ली जाती है। 
इसके अलावा विभिन्न निजी और सरकारी संस्थानों में मानव संसाधन विभागों में कर्मचारियों के बेहतर चयन के मद्देनजर मनोवैज्ञानिकों की मदद ली जाने लगी है। चूंकि मनोविज्ञान में नए-नए शोध कार्यों की जरूरत हमेशा होती है, इसलिए रिसर्चर के रूप में भी आप अपने कैरियर को आगे ले जा सकते हैं। टीचिंग तो इस फील्ड में विकल्प है ही, आप चाहें तो काउंसलर के रूप में निजी प्रैक्टिस से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। 

मुख्य संस्थान

दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली www.du.ac.in

तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद www.tmu.ac.in

जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली www.jmi.ac.in

एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा व अन्य केंद्र 222 www.amity.edu

गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एजुकेशनल साइकोलॉजी ऐंड गाइडेंस, जबलपुर www.gcpgjabalpur.nic.in

उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद www.osmania.ac.in

कोलकाता यूनिवर्सिटी, कोलकाता www.caluniv.ac.in

बेंगलुरु यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु www.bub.ernet.in

इग्नू, दिल्ली, www.ignou.ac.in(डॉ. अरूण कुमार,अमर उजाला,27.7.11)

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