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07 जुलाई 2011

नालंदा विश्वविद्यालयःदो नए पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी

नोबल विजेता प्रो. अम‌र्त्य सेन की अध्यक्षता में नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्र्वविद्यालय के शासी निकाय की बुधवार को हुई बैठक में 2013 से दो कोर्स (पाठ्यक्रम) आरंभ करने का निर्णय हुआ। यह राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये अस्थायी भवन में शुरू होगा। विश्र्वविद्यालय भवन के डिजाइन एवं निर्माण के लिए शीघ्र ग्लोबल टेंडर निकाले जाएंगे। बैठक में विश्र्वविद्यालय के नियम एवं परिनियम पर देर तक विमर्श हुआ और उन्हें मंजूरी दी गयी। शासी निकाय की अगली बैठक अक्टूबर के मध्य में बीजिंग (चीन) में होगी। करीब दस घंटे तक चली बैठक में शासी निकाय के अन्य सदस्य चीन के पूर्व विदेश मंत्री जार्ज यो, हारवर्ड विश्र्वविद्यालय के डा. सुगाता बोस, सिटी यूनिवर्सिटी आफ न्यूयार्क के तानसेन सेन, जापान के शूशू नाकासिनि, बीजिंग विश्र्वविद्यालय के वांग वी, विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्वी) संजय सिंह, विश्र्वविद्यालय की कुलपति डा. गोपा सब्बरवाल और जदयू सांसद एनके सिंह शामिल हुए। एक सदस्य लार्ड मेघनाथ देसाई उपस्थित नहीं हो सके। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में प्रो.सेन ने कहा कि वित्तीय प्रक्रियाओं, नियम-परिनियम, फैकल्टीज, पढ़ाई का पैटर्न आदि मुद्दों पर चर्चा हुई। विश्र्वविद्यालय के नियम-परिनियम को अंतिम रूप दे दिया गया। बैठक में विश्र्वविद्यालय के लिए एक इंटरनेशनल एडवाइजरी पैनल का गठन किया गया है, जिसका अध्यक्ष जार्ज यो बने हैं। शासी निकाय की अगली बैठक बीजिंग में मध्य अक्टूबर में होगी। उन्होंने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय विश्र्वविद्यालय के निर्माण में आसियान देशों के अलावा चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएसए एवं रूस सहयोग दे रहे हैं। प्रो. सेन ने कहा-पिछले दिनों कैम्बि्रज विश्र्वविद्यालय में जब मैंने प्राचीन नालंदा विश्र्वविद्यालय पर लेक्चर दिया, तो बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी उत्सुकता दिखायी। उनके अनुसार नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्र्वविद्यालय का निर्माण कुछ सालों के लिए नहीं, बल्कि सदियों के लिए किया जाएगा। इस कारण इसके डिजाइन एवं निर्माण में समय लगेगा। गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। यह अंतरराष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित होगा। एक्सेल ने इसके लिए एक डिजाइन दिया है(दैनिक जागरण,पटना,7.7.11)।

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