प्रदेश विश्वविद्यालय के मंडी परीक्षा केंद्र में एमबीए के चौथे समेस्टर की वार्षिक परीक्षा देने आए स्टूडेंट्स शनिवार को जब पेपर देने बैठे तो उन्हें आंसर शीट्स तो बांट दी गई लेकिन, प्रश्नपत्र नहीं मिला।
पता चला कि फायनेंशियल मैनेजमेंट का प्रश्न पत्र पहुंचा ही नहीं है। मंडी से शिमला के लिए कई फोन घनघना उठे। आनन-फानन में विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक शाखा ने प्रश्न पत्र को शिमला से मंडी फैक्स किया। फैक्स किए गए प्रश्न पत्र को फोटो स्टैट किया गया और पेपर पौने घंटे की देरी से बांटा गया। स्टूडेंट्स को 45 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया। जब मंडी में फायनेंशियल मैनेजमेंट का प्रश्न पत्र फोटो स्टैट करवाया जा रहा था, अन्य परीक्षा केंद्रों में स्टूडेंट्स इस पेपर की परीक्षा दे रहे थे। इस लापरवाही से परीक्षा की गोपनीयता पर सवाल लग गया है।
एसएफआई नेता विजेंद्र मेहरा ने इसे भारी चूक करार दिया है। विश्वविद्यालय के सूत्रों का कहना है कि एमबीए के विभिन्न सेमेस्टरस में पेपरों की कई ऑप्शन है। किस संस्थान में क्या ऑप्शन है इसकी सूचना संस्थान को ही खुद विश्वविद्यालय को देनी होती है। मंडी के एक संस्थान ने एमबीए के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के पेपर ऑप्शन के बारे में विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा को सूचित ही नहीं किया।
उधर,एचपी यूनिवर्सिटी ने शनिवार को बीएससी ऑनर प्रथम वर्ष और बीकॉम प्रथम प्रथम वर्ष (कॉरपोरेट स्ट्डीज) का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षा नियंत्रक नरेंद्र अवस्थी के अनुसार बीकॉम कॉपरेरेट प्रथम वर्ष में 30 छात्रों ने परीक्षा दी। इनमें से 28 छात्र उर्तीण हुए हैं।
एचपी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने शनिवार को परीक्षा निगरानी समिति का गठन किया। इसके अध्यक्ष प्रो. जेबी नड्डा होंगे। समिति का मुख्य कार्य परीक्षा के संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन, और समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने के सभी कार्यो की निगरानी का होगा। यह समिति कुलपति कि प्रति उत्तरदायी होगी। छात्रों की परीक्षा संबंधी शिकायत को भी दूर करेगी(दैनिक भास्कर,शिमला,3.7.11)।
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