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12 जुलाई 2011

हिमाचलःटीजीटी प्रोमोशन से बाहर हो सकते हैं नॉन-बीएड पीटीए

शिक्षा विभाग की तरफ से की जाने वाली टीजीटी परमोशन से नॉन बीएड पीटीए बाहर हो सकते हैं। इससे पूर्व डीपीई बनने से 12 पीटीए को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। ऐसे में एक बार फिर नॉन बीएड पीटीए की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।

नॉन बीएड पीटीए संख्या 200प्रदेश में इस समय पीटीए पर लगे 200 लेक्चरर नॉन बीएड है, जिनको सरकार बाहर का रास्ता दिखा सकती है। पीटीए लेक्चरर को बीएड करने के लिए दिसंबर, 2010 तक का समय दिया गया था, मगर इस अवधि के अंदर 200 शिक्षक ऐसा नहीं कर पाए। इसे देखते हुए सरकार ने नॉन बीएड पीटीए की ग्रांट-इन-एड रोक रखी है और दिसंबर माह के बाद लिए गए वेतन तक की रिकवरी की बात कही गई है। अब जबकि करीब

200 टीजीटी शिक्षक लेक्चरर बनने वाले हैं, तो पीटीए के स्थान पर तैनात होने पर बाहर हो सकते हैं।

अनक्वालिफाइड है शिक्षक

वर्तमान सरकार पीटीए को सरकारी शिक्षक नहीं मानती। साथ ही उन नॉन बीएड को अनक्वालिफाइड शिक्षकों की श्रेणी में रखा गया है। सरकार का मानना है कि पीटीए एक वैकल्पिक व्यवस्था थी, लेकिन इस आड़ में सरकार ने चहेतों को पिछले दरवाजे से नौकरी देने का प्रयास किया। 
वर्तमान सरकार ने नई भर्ती प्रक्रिया में पीटीए शिक्षकों को भाग लेने का मौका दिया था, मगर उसके आधार पर परीक्षा पास न करने से अब उनको बाहर का रास्ता दिखाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। 

क्या कहती है पीटीए एसोसिएशन

पीटीए एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष विवेक मेहता का कहना है कि पीटीए शिक्षकों को बीएड करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ पीटीए शिक्षकों ही नॉन बीएड नहीं है, जबकि अन्य श्रेणी के शिक्षक भी खरे नहीं उतर पाए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभाग में खाली पदों की संख्या अधिक है और उनको परमोशन और नई नियुक्ति के माध्यम से बाहर करना गलत है। इस मामले को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से उठाया जाएगा।

इसी माह होगी परमोशन

टीजीटी से लेक्चरर की परमोशन इसी माह होने की संभावना है। इसके लिए एसीआर संबंधी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई है। अब विभागीय स्तर पर परमोशन (डीपीसी) होना बाकी है। इस तरह शिक्षकों को नए स्थानों पर तैनाती दी जाएगी। यदि परमोशन प्राप्त करने वाले शिक्षकों को नॉन बीएड के स्थान पर भेजा गया, तो उनकी नौकरी जाएगी।

क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान का कहना है कि परमोशन रुटीन प्रक्रिया है। जहां तक नॉन बीएड का मामला है, तो शैक्षणिक मापदंड पूरे न करने पर कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार फिर भी गुण-दोष के आधार पर कोई निर्णय लेगी(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,12.7.11)।

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