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28 जुलाई 2011

लखनऊ विवि में इस साल बंद होंगे पंद्रह पाठ्यक्रम

लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी डिप्लोमा, प्रोफेशिएंसी और स्नातकोत्तर के कुल पन्द्रह पाठ्यक्रम इस बार बंदी के कगार पर हैं। इन पाठ्यक्रमों में चालीस फीसदी से कम आवेदन आए हैं। कई अन्य पाठ्यक्रमों पर भी बंद होने की तलवार लटक रही है। आवेदन के बाद यदि एक-दो छात्रों ने भी प्रवेश नहीं लिया तो कोर्स बंद कर दिया जाएगा। लविवि प्रवक्ता डॉ.राजेश मिश्र का कहना है कि आवेदन कम होने पर निर्णय लेना मजबूरी है। हालांकि लविवि के नियमित विषयों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। अतिथि शिक्षकों के जरिए ये कोर्स चलाना भी मुश्किल हो गया है। फीस बढ़ाने के असर आवेदन पर नहीं पड़ा है। उल्लेखनीय है कि स्ववित्तपोषी पाठ्यक्रमों में चालीस फीसदी से कम आवेदन होने पर उस वर्ष के लिए कोर्स स्थगित कर दिया जाता है। पिछले साल भी आधा दर्जन कोर्स एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए थे। इस बार यह संख्या दो दर्जन के पार निकल गई है। ग्यारह पीजी डिप्लोमा कोर्सेज में इस बार चालीस फीसदी से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं। वास्तुशास्त्र में तीस में एक, कंज्यूमर प्रोटेक्शन में 40 में केवल दो आवेदन प्राप्त हुए हैं। एमए महिला अध्ययन संस्थान में इस बार 30 सीटों पर मात्र 9 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। ज्योर्तिविज्ञान और रीन्यूवल एनर्जी पर भी इस वर्ष के लिए स्थगित होने का खतरा मंडरा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में चालीस फीसदी से कुछ अधिक आवेदन हुए हैं। यदि कुछ छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया तो ये पाठ्यक्रम भी बंद कर दिए जाएंगे(दैनिक जागरण,लखनऊ,28.7.11)।

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