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06 जुलाई 2011

टिकटिंग में भविष्य

टूरिज्म को बढ़ावा देने और इस व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए टूरिस्ट के घर तक कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इन्हीं में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सुविधा है टिकटिंग, चाहे वह ऑनलाइन हो या टिकट काउंटर पर।

नियाभर में टूरिज्म इंडस्ट्री बूम पर है। ग्लोब्लाइजेशन के साथ इस इंडस्ट्री में टूरिज्म के कई वेरिऐशन नजर आने लगे हैं जिसमें हिस्टॉरिकल प्लेसेस से लेकर ऑफिशियल टूर तक शामिल होता है। टूरिज्म को बढ़ावा देने और इस व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए टूरिस्ट के घर तक कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इन्हीं में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सुविधा है टिकटिंग, चाहे वह ऑनलाइन हो या फिर टिकट काउंटर से। इसी डिमांड के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री में नये पोजीशन को इंट्रोड्यूज किया गया है, जिसे ‘टिकट एजेंट’ कहा जाता है। टिकट एजेंट एयरपोर्ट, रेलवे, बस स्टेशन और मुख्य ट्रेवलिंग कंपनियों के टिकटिंग डिपार्टमेंट में काम करता है। टूरिज्म इंडस्ट्री के विकास और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के उदय के साथ ही भविष्य में इस प्रोफेशन की डिमांड बढ़ने की पूरी संभावना है। यह क्षेत्र आजकल के ऐ से आधुनिक युवाओं के लिए बेहतर साबित हो रहा है, जो इस कॅरियर से जुड़े दूसरे अवसरों की तलाश करते हैं, वे क्लाइंट को केवल असिस्ट ही नहीं करते बल्कि उनके कई प्रश्नों जैसे टैगिंग लगेज और बैगेज चेक इन, टिकटिंग, रिजव्रेशन में परिवर्तन, सीट असाइनमेंट, फ्लाइट फेयर की जानकारी, फोन द्वारा रिजव्रेशन कंफर्म करना और पेमेंट लेना आदि शामिल होता है। हालांकि इनकी पहली ड्यूटी टिकट बेचना ही होती है लेकिन एक प्रभावशाली टिकट एजेंट वही होता है जो पर्यटकों की यात्रा को यादगार बनाने में उनकी सहायता करे। यह उन लोगों के लिए बेहतर जॉब है जिन्हें ट्रेवल करना और ट्रेवलिंग के लिए लोगों को गाइड करना पसंद है। दु

कार्य


किसी भी कंपनी की ओर से क्लाइंट से सबसे पहले बात करने वाला टिकट एजेंट ही होता है। क्लाइंट के सामने अपनी कंपनी की अच्छी छवि प्रस्तुत करने के लिए टिकट एजेंट के अंदर बातचीत करने का बेहतर गुण होना आवश्यक है। टिकट एजेंट का काम टिकट बे चना और यात्रियों को यात्रा से संबंधित हरसंभव जानकारी उपलब्ध कराना होता है। वे क्लाइंट के फ्लाइट/ट्रेन/बस की उपलब्धता, शेड्यूल, सीट की उपलब्धता आदि से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब देता है।

कोर्स

देश के कई ट्रेवल एंड टूरिज्म इंस्टीट्यूट्स टिकटिंग एं ड ट्रे वल मै नेजमेंट से संबंधित कोर्स ऑफर करते हैं । ये कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा स्तर के होते हैं।

योग्यता

नम्बर वन टूरिस्ट एजेंसी बनने की चाह में हर कंपनी क्वालीफाइड कैंडिडेट्स की तलाश में रहती है। कुछ इंटर पर्सनल स्किल्स के साथ टिकटिंग पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और डिप्लोमा स्तर का कोर्स है। किसी भी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी से स्नातक कैंडिडेट यह कोर्स कर सकते हैं।

कौशल

इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए पोस्ट ग्रे जुएशन या डिप्लोमा के अलावा इच्छुक कैंडिडेट्स में अच्छे वार्ताकार, अनुकूलनशीलता, अच्छा स्वभाव, सहयोगी, भूगोल की जानकारी, गणित की जानकारी, विश्लेषणात्मक प्रवृत्ति, विदेशी भाषा की जानकारी जै से स्किल्स आवश्यक होते हैं।

करियर और भविष्य की संभावना

टिकटिंग और ट्रेवल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद किसी भी ट्रेवलिंग एजेंसी, एयरलाइंस या ट्रेन/बस स्टेशन पर टिकट एजेंट के रूप में नियुक्त हो सकते हैं। भारत में कई हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्रीज भी फ्रेशर्स को ट्रेनी के रूप में नियुक्त कर कुशल टिकट एजेंट बनने के लिए ट्रेंड करती हैं। इस क्षेत्र में अनुभवी होने पर कैंडिडेट को टूर मैनेजर के रूप में बेहतर ढंग से प्रमोट किया जाता है।

आय

टिकट एजेंट की आय उन्हें नियुक्त करने वाली संस्थाओं पर निर्भर करती है। साधारणत: फ्रेशर्स की शु रुआत 8,000 से 15,000 रुपये तक हो सकती है। अनुभव बढ़ने के साथ आय भी बढ़ती जाती है, जिसमें 15,000 से 20,000 प्रतिमाह वेतन मिल सकता है। इस क्षेत्र के अनुभवी एजेंट्स को सैलरी के साथ-साथ दूसरे लाभ भी मिलते हैं। संस्थान :

संस्थान :

स्कूल ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी, उप्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट, ग्वालियर केरला इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल स्टडीज, केरल, कुओनी एकेडमी ऑफ ट्रेवल, मुंबई
(सपना,राष्ट्रीय सहारा,5.7.11)

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