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13 जुलाई 2011

हिमाचल में कॉलेज सिलेबस बदलने की तैयारी

प्रदेश के कॉलेजों में जल्द सिलेबस बदला जाएगा। इसके तहत साइंस, कॉमर्स एवं आर्ट्स का सिलेबस बदल दिया जाएगा। सरकार ने सिलेबस बदलने के लिए दो माह के भीतर अंतिम निर्णय लेने को कहा है, ताकि किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके। सिलेबस बदलते समय इस बात का ध्यान भी रखा जाएगा कि यूजीसी के मानकों की किसी तरह से अनदेखी न हो।


चार सदस्यीय कमेटी का गठन : प्रदेश सरकार ने कॉलेज स्तर पर सिलेबस बदलने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सुजानपुर टीहरा कॉलेज के प्रिंसिपल अशित कुमार, कोटशेरा कॉलेज शिमला के प्रिंसिपल वीपी महाजन, कुल्लू कॉलेज की प्रिंसिपल धनेश्वरी शर्मा एवं ढलियारा कॉलेज के प्रिंसिपल आरपी जिंदल को रखा गया है। कमेटी के यह सदस्य हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और उसके बाद यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल में मामले को लाया जाएगा, जिसके बाद सिलेबस बदलने संबंधी अंतिम निर्णय होगा।

बीजेएमसी सिलेबस तैयार करने के निर्देश : सरकार ने बीजेएमसी (पत्रकारिता) के सिलेबस को जल्द तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसमें शिक्षा विभाग की तरफ से यूनिवर्सिटी को अपना प्रस्ताव भेजना होगा। प्रदेश में लंबे समय इस बात की मांग की जा रही थी कि बीजेएमसी को शुरू किया जा सके। 180 शैक्षणिक कार्यदिवस जरूरी : कॉलेजों में 180 कार्यदिवस अनिवार्य किए गए हैं। इसके तहत यूजीसी के नियमानुसार 180 कार्यदिवस में पढ़ाई होनी अनिवार्य है। इसके लिए सभी कॉलेज प्रिंसिपल को उचित निर्देश दिए गए हैं, ताकि अध्यापन कार्य में किसी तरह का व्यवधान न आए।

यह रहेगा टाइमिंग शेड्यूल कॉलेजों के लिए नई समय सारिणी भी तय की गई है। इसमें सुबह 9.20 बजे से सांय 4.20 बजे या फिर सुबह 10.00 बजे से सांय 5.00 बजे का समय तय किया गया है। दोनों में से कोई भी समय स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार तय होगा। इसी तरह कॉलेज स्तर पर अन्य जिम्मेदारियों को भी तय किया गया है।

मानने होंगे प्रिंसिपल के आदेश

प्रिंसिपल के आदेश सभी कॉलेज लेक्चरर को मानने होंगे। यदि लेक्चरर इस पर अमल नहीं करते, तो उनकी अनुपस्थिति दर्ज की जाएगी। ऐसे में लेक्चरर को प्रिंसिपल के आदेशानुसार ही काम करना होगा। इसके लिए बाकायदा शेड्यूल भी जारी किया जाएगा।

विभागीय स्तर पर हुआ निर्णय
शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसमें उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ओपी शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

शिक्षा मंत्री धीमान से सीधी बात
रिपोर्टर : कॉलेज का सिलेबस बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?
मंत्री : समय के साथ सिलेबस बदलना जरूरी है। कई चीजें आउट डेटिड हो जाती। ऐसे में बदलाव करना ही एकमात्र विकल्प है।
रिपोर्टर : क्या इससे छात्रों को परेशानी नहीं होगी?
मंत्री : छात्रों को पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं होगी। सिलेबस को समय की मांग के अनुसार ही बदला जाएगा, जिसमें सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार होगा।
रिपोर्टर: क्या शिक्षक इसके लिए तैयार है?
मंत्री : सिलेबस में जो नई बातें सामने आएगी, उसके लिए शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षित किया जाएगा(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,13.7.11)।

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