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18 जुलाई 2011

मध्यप्रदेशःबनाओ प्रोजेक्ट, मैनिट देगा फंड

आमतौर पर स्टूडेंट अपनी इनोवेटिव सोच को इसलिए साकार रूप नहीं दे पाते क्योंकि उनके पास उसके लिए पर्याप्त फंड नहीं होता और संस्थान से बहुत कम आर्थिक मदद मिलती है जिसके चलते वे उस प्रोजेक्ट पर कार्य नहीं करते। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) स्टूडेंट में इनोवेटिव दृष्टिकोण का विकास करने के लिए एक पहल कर रहा है।

इसके अंतर्गत यदि कोई स्टूडेंट्स किसी तरह का वर्किग मॉडल बनाना चाहते हैं तो उन्हें मैनिट प्रबंधन की ओर से पर्याप्त फंड दिया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि बच्चे अब बड़े स्तर के प्रोजेक्ट पर भी काम कर पाएंगे। इसके अंतर्गत स्टूडेंट को ऐसे मॉडल बनाना है जो कि सोसायटी के काम आ सकें।

गुजरना होगा सलेक्शन प्रक्रिया से

इस योजना के तहत स्टूडेंट्स को ग्रुप बनाकर अपने प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन सलेक्शन टीम के सामने देना होगा जिसमें डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी के साथ अन्य मेंबर्स होंगे। सलेक्शन टीम यह देखेगी कि यह प्रोजेक्ट उपयोगी है या नहीं। इसके बनने से समाज को क्या फायदा होगा। प्रोजेक्ट की उपयोगिता के आधार पर ही उसे फंड दिया जाएगा। फंड के लिए हर डिपार्टमेंट से दो प्रोजेक्ट को चुना जाएगा। प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए 6 माह का समय दिया जाएगा।
सर्वश्रेष्ठ को 5 लाख
स्टूडेंट द्वारा बनाए गए सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट को चुना जाएगा और उसे 5 लाख रुपए पुरस्कार स्वरूप भी दिए जाएंगे। 5 लाख रुपए की राशि रोल्टा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री की ओर से दी जाएगी।

ये होगा फायदा
- स्टूडेंट्स में इनोवेटिव सोच विकसित होगी।
- अब स्टूडेंट्स को फंड की चिंता नहीं करनी होगी। वे सिर्फ अपने रिसर्च पर ध्यान देंगे।
- सभी प्रोजेक्ट को इनक्यूबेशन सेंटर में रखा जाएगा ताकि सभी स्टूडेंट इनके बारे में पढ़ें और आगे इस तरह का काम कर सकें।
- अच्छे प्रोजेक्ट्स और स्टूडेंट्स को कंपनी से इंटरेक्ट करवाया जाएगा। ऐसा करने से स्टूडेंट को अपनी खास योग्यता के लिए कंपनी में जॉब तो मिल ही सकेगी साथ ही उनके बनाए मॉडल को व्यापारिक रूप से तैयार किया जा सकेगा(उदित बर्सले,दैनिक भास्कर,भोपाल,18.7.11)।

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