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15 जुलाई 2011

डीयू में रैगिंग पर सख्ती: नो आईकार्ड, नो एंट्री

अब चाहे सीनियर हो या जूनियर, इस बार बिना आईकार्ड के कॉलेज में एंट्री पाना मुश्किल होगा। रैगिंग पर अंकुश लगाने के लिए अब उन्हीं छात्रों को कॉलेज परिसर में दाखिल होने
दिया जाएगा, जिनके पास आईकार्ड होगा।

कॉलेजों में फ्रेशर्स की एंट्री उनकी एडमिशन स्लिप पर होगी और समूचे कॉलेज परिसर में इस बात की पड़ताल की जाएगी कि कहीं कोई बाहरी छात्र तो दाखिल नहीं हो गया है।

रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि रैगिंग रोकने के लिए कॉलेज में सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि न सिर्फ आईकार्ड एंट्री का नियम लागू किया जाएगा बल्कि यदि किसी छात्र की हरकतों को लेकर शक हुआ तो उसकी एंट्री एक निर्धारित समय तक के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला भी किया जा सकता है।


डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि कॉलेज परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है और हॉस्टल की जिम्मेदारी हॉस्टल वॉर्डन पर रहेगी।
रामलाल आनंद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय कुमार शर्मा ने बताया कि उनके यहां भी रैगिंग कंट्रोल की तैयारियां शुरू हो गई हैं और इसके तहत आईकार्ड एंट्री की अनिवार्यता पर खासा जोर दिया जा रहा है। डॉ.शर्मा ने बताया कि कॉलेज की ओर से रैगिंग रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी का गठन कर दिया गया है और यह कमेटी 21 जुलाई से अपने काम में जुट जाएगी। 

रैगिंग कंट्रोल के लिए कॉलेजों की ओर से जारी प्रयासों में दिल्ली पुलिस भी साझेदार रहेगी। डीसीपी नॉर्थ आईबी रानी ने बताया कि इस बार हर कॉलेज के बाहर पुलिसबल की तैनाती की जाएगी और हर एक-डेढ़ घंटे में कॉलेज परिसर में चक्कर लगाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कहीं कोई बाहरी छात्र तो कैम्पस में दाखिल नहीं हो गया है। 

उन्होंने बताया कि कॉलेज के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मी कॉलेज सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर आईकार्ड की जांच करेंगे। डीसीपी नॉर्थ ने बताया कि हमारी पूरी कोशिश है कि कैम्पस में नए सेशन के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटने पाए और इसीलिए एहतियाती कदमों पर खासा जोर दिया जा रहा है(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,15.7.11)।

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