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15 जुलाई 2011

डीयूःनॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट नहीं तो दाखिला नहीं

डीयू के कॉलेजों में दाखिले के लिए बिना नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट के पहुंच रहे ओबीसी छात्रों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। इसके अलावा कई विद्यार्थी पुराने ओबीसी सर्टिफिकेट के साथ पहुंच रहे हैं, उन्हें भी कॉलेज वापस लौटा रहा है। दक्षिण भारत के विद्यार्थियों के प्रमाणपत्रों में जाति को लेकर भी भ्रम की स्थिति देखी जा रही है। दरअसल, इनके सर्टिफिकेट पर दक्षिणी भारतीय लहजे में जाति लिखी हुई है। इस कारण इन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग कार्यालय से स्पष्टीकरण लाने को कहा जा रहा है। उधर, ओबीसी की छठी कट ऑफ सूची के बेस पर शुक्रवार से कॉलेजों में दाखिले शुरू होंगे। गौरतलब है कि डीयू के कॉलेजों में छूट का लाभ उठाने के लिए ओबीसी छात्रों के लिए नॉन क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी है। डीयू के डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. दिनेश वाष्ण्रेय ने बताया कि रोजाना ऐसे 40-50 विद्यार्थी कॉलेजों में दाखिले के लिए पहुंच रहे हैं, जिनके पास ओबीसी का प्रमाणपत्र तो है, लेकिन वह पुराने हैं और उन पर नॉन क्रीमी लेयर और आय नहीं लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि ओबीसी के प्रमाणपत्र में नॉन क्रीमी लेयर और आय 4.50 लाख रुपये सालाना से कम लिखा होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जो दक्षिण भारत के हैं और जिनकी जाति ओबीसी प्रमाणपत्र में दक्षिण भारतीय लहजे में लिखी हैं। मसलन, कई विद्यार्थी ऐसे मिले हैं, जिनकी जाति यादव की जगह यादवा लिखी हुई है। इस कारण कॉलेजों में जाति प्रमाणपत्र को लेकर भ्रम पैदा हो रहा है(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,15.7.11)।

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