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15 जुलाई 2011

उत्तराखंड के बीएड कालेजों की होगी जांच

राज्य में मानकों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे बीएड कालेजों की मुश्किल बढ़ने वाली है। नेशनल काउंसिल फोर टीचिंग एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से सभी कालेजों को मानकों को पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कालेजों को एनसीटीई की ओर से दिए गए मेंडेटरी डिक्लेरेशन फार्मेट को भरना होगा। इसके बाद एनसीटीई की कमेटी फार्म में दी जानकारी की जांच करेगी। कालेजों की जांच यहीं खत्म नहीं होगी। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी भी इन कालेजों की जांच करेगी।

राज्य गठन के बाद प्रदेश में साल दर साल बीएड कालेजों की संख्या में इजाफा होता गया। अभी गढ़वाल, कुमाऊं और उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध 65 से ज्यादा कालेज हैं। लेकिन इनमें से कई कालेज ऐसे हैं, जिनमें मानकों का पालन नहीं किया गया है। कालेजों में शिक्षकों की संख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की सेलरी आदि मानक पूरे नहीं किए जा रहे। कुछ ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के दो सौ से ज्यादा बीएड कालेजों की मान्यता समाप्त कर दी थी। उसके बाद देश के तमाम बीएड कालेजों के मानकों की जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है। फिलहाल चार-पांच वर्ष पुराने बीएड कालेजों को एनसीटीई से मेंडेटरी डिक्लेरेशन फार्मेट भरने का निर्देश जारी किया गया है। इसके बाद एनसीटीई की कमेटी जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी भी कालेजों की जांच करेगी। इसके बाद कालेजों की मान्यता पर विचार किया जाएगा।
एनसीटीई की ओर से सभी बीएड कालेजों को निर्देश प्राप्त हुआ है। इसके अलावा तीन वर्ष पुराने बीएड कालेजों के मानकों का सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी जांच करेगी।
सुनील अग्रवाल, सचिव, सेल्फ फाइनेंस्ड बीएड कालेज एसोसिएशन 

ये जानकारी देनी होगी
इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, फैकल्टी की सैलरी, शैक्षिक योग्यता, कितने सेमिनार अटेंड किए, लैब समेत अन्य सुविधाओं की जानकारी देनी है।

सेल्फ फाइनेंस्ड सरकारी बीएड कालेज बदहाल 
देहरादून। बीएड कालेज में प्रत्येक सौ छात्रों पर एक प्रधानाचार्य और सात शिक्षक होने अनिवार्य हैं, लेकिन प्राइवेट ही नहीं, बल्कि सेल्फ फाइनेंस्ड सरकारी बीएड कालेजों में भी हाल बुरा है। कई कालेजों में मानक के अनुरूप शिक्षक नहीं हैं। कहीं चार तो कहीं पांच शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है। कांट्रेक्ट पर नियुक्त शिक्षकों से भी अध्यापन कार्य कराया जा रहा है(अमर उजाला,देहरादून,15.7.11)।

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