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23 जुलाई 2011

डीयूःकैंपस मस्ती में बिजी फ्रेशर्स, पढ़ाई मंडे से

कैंपस के फर्स्ट डे का एक्साइटमेंट थोड़ा ठंडा हो चुका था। जो स्टूडेंट्स पहले दिन अकेला महसूस कर रहे थे उनके दोस्त बन गए। पढ़ाई शुरू हो

ने में अभी वक्त है तो सभी मस्ती और रिलैक्स के मूड में हैं। नॉर्थ कैंपस के लगभग सभी कॉलेजों में दूसरे दिन कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिला।

नए सेशन के पहले दो-तीन दिन नए दोस्त बनाने और कैंपस को जानने के लिए ही होते हैं। कई जगहों पर फ्रेशर्स को कैंपस में रंग में रंगने की तैयारियां चल रही थीं। रामजस कॉलेज में सुबह से म्यूजिक सिस्टम सेट किया जा रहा था। बीच-बीच में साउंड टेस्टिंग के लिए बजने वाली हाई वोल्टेज बीट्स को सुनकर फ्रेशर्स खुद खिंचे चले आ रहे थे।

यहां फ्रेशर्स की काफी भीड़ जमा हो चुकी थी और एक्साइटमेंट उनके चेहरों पर साफ झलक रहा था। यहां अपने ग्रुप के साथ खड़े आशुतोष ने बताया कि वे लोग सुबह से काफी बोर महसूस कर रहे थे लेकिन यहां लगे म्यूजिक सिस्टम को देखकर लगता है कि अब कुछ फन का मौका मिलेगा।


किरोड़ीमल कॉलेज में फर्स्ट डे की तरह ही रौनक थी। कैंटीन में बैठे स्टूडेंट्स में से ज्यादातर फ्रेशर्स ही थे। केएमसी में हिस्ट्री ऑनर्स की स्टूडेंट श्रुति ने बताया कि वह आज अपने दोस्तों के साथ कमला नगर माकेर्ट में घूमने और शॉपिंग करने का प्लान कर रही हैं। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में क्राउड कुछ कम दिखा। यहां कई जगह सिर्फ फ्रेशर्स ग्रुप बनाकर बैठे थे तो कई जगह ये फच्चे अपने सीनियर्स से के साथ बैठकर उनसे ज्ञान ले रहे थे। 

एसआरसीसी की एक स्टूडेंट शमिता ने बताया कि उनके सीनियर्स अगले हफ्ते फ्रेशर्स के लिए पार्टी रखने का प्लान बना रहे हैं। मंडे से पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी लेकिन फिलहाल कम से कम एक महीने तक तो कैंपस में फ्रेशर्स के लिए मस्ती का माहौल बना रहेगा। 

फर्स्ट डे तो मुझे काफी अजीब लग रहा था लेकिन दूसरे ही दिन ऐसा महसूस हो रहा है कि मेरा इस कॉलेज से काफी पुराना नाता है। यह सब सीनियर्स और टीचर्स के वॉर्म वेलकम की वजह से हुआ है। - जतिन, रामजस, इको ऑनर्स 

मेरे कई स्कूल फ्रेंड्स को कैंपस कॉलेजों में एडमिशन मिला है लेकिन मेरा कोई भी दोस्त रामजस में नहीं है। कुछ स्टूडेंट्स से बात हुई थी। उम्मीद है कि हम अच्छे दोस्त बन जाएंगे। - स्निग्धा, रामजस, केमिस्ट्री ऑनर्स 

कैंपस में एंट्री के बाद शुरू के कुछ दिन तो बस मस्ती और फन के लिए ही होते हैं। अभी हम लोग कॉलेज में ही अड्डा मार रहे हैं। इसके बाद हमारा प्लान कैंपस के दूसरे अड्डे एक्सप्लोर करने का है। - वत्सला, एसआरसीसी, बीकॉम(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,23.7.11) 

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