इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय (एमएमटीयू) द्वारा आयोजित की गई राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) की काउंसिलिंग में इंटरमीडिएट में 50 प्रतिशत से कम और 45 फीसदी तक अंक पाने वाले अभ्यर्थी शामिल किए जाएंगे। शासन ने इस संबंध में सोमवार को एमएमटीयू को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की ओर से विगत चार जुलाई को जारी अधिसूचना पर अमल करते हुए नियमानुसार कार्यवाही करने का दिशानिर्देश जारी कर दिया है। एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए इंटरमीडिएट में 50 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य कर दिया था। अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों को इसमें पांच फीसदी अंकों की छूट दी गई थी। विगत चार जुलाई को एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग प्रवेश में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए इंटरमीडिएट में न्यूनतम अंक की बाध्यता को 50 प्रतिशत से घटाकर 45 फीसदी व एससी/एसटी वर्ग के लिए 45 से घटाकर 40 फीसदी करने की अधिसूचना जारी कर दी। एमएमटीयू ने एआइसीटीई की नई अधिसूचना के मद्देनजर काउंसिलिंग के बारे में शासन से दिशानिर्देश मांगा था। एआइसीटीई की नई अधिसूचना के परिप्रेक्ष्य में नए सिरे से एसईई का आयोजन कराना अव्यावहारिक है। इसलिए शासन ने एमएमटीयू को एआइसीटीई की नई अधिसूचनाके अनुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। ऐसे में एसईई में शामिल होने वाले सामान्य वर्ग के ऐसे छात्र, जिन्हें इंटर में 50 प्रतिशत से कम और 45 फीसदी तक अंक मिले हैं तथा एससी/एसटी वर्ग के ऐसे छात्र जिन्हें इंटर में 45 प्रतिशत से कम और 40 फीसदी तक अंक मिले हैं, उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उन्हें मेरिट में शामिल करते हुए काउंसिलिंग में मौका दिया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,12.7.11)।
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