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12 जुलाई 2011

यूपीःसरकारीकर्मियों को दुपहिया वाहन पर छूट

अब सरकारी कर्मचारियों को दोपहिया वाहनों की खरीद पर फिर से टैक्स छूट मिल सकेगी। लम्बे समय से बंद चल रही इस व्यवस्था को राज्य सरकार फिर से बहाल करने जा रही है। इस सिलसिले में कर्मचारी कल्याण निगम ने राज्यस्तरीय टैक्स खत्म करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रस्ताव में वाहनों पर टैक्स छूट के पीछे केन्द्रीय कर्मचारियों को दी जा रही छूट को आधार बनाया गया है। करीब नौ साल बाद बहाल होने जा रही इस सुविधा का लाभ बीस लाख से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा। इनमें करीब आठ लाख मौजूदा सरकारी कर्मचारियों के अलावा चार लाख मृतक आश्रित तथा आठ लाख के लगभग सेवानिवृत्ति सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारी कल्याण निगम के इस प्रस्ताव को खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार की मंजूरी के बाद राज्यकर्मी दोपहिया वाहनों की खरीद पर वैट के रूप में लिये जा रहे 12.5 फीसदी टैक्स छूट का फायदा उठा सकेंगे। यह लाभ इन विभागों के सेवानिवृत्ति तथा मृतक आश्रितों को भी मिलेगा। विदित हो कि वर्ष 2002 के पहले तक सरकारी कर्मचारियों को वाहनों की खरीद पर (यूपीएसटी) टैक्स छूट का लाभ मिलता था। उस समय कर्मचारी कल्याण निगम के माध्यम से सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में वाहन खरीदते थे। वर्ष 2002 में तत्कालीन राज्य सरकार ने आदेश जारी कर यह सुविधा खत्म कर दी, लेकिन केन्द्रीयकर्मियों को वाहनों की खरीद पर टैक्स छूट मिलती रही। इस तरह केन्द्रीय कर्मचारी तो वाहन खरीद पर दो तरह की छूट का फायदा उठा रहे थे, लेकिन राज्य सरकार अपने ही कर्मचारियों को छूट नहीं दे रही थी। इधर छूट बंद होने के बाद से कर्मचारी कल्याण निगम ने अपने डिपों में वाहनों की बिक्री का भी काम बंद कर दिया। कर्मचारी कल्याण निगम के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि टैक्स छूट की मंजूरी के बाद कर्मचारी कल्याण निगम वाहनों की बिक्री का काम फिर से शुरू करेगा(कमल दुबे,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,12.7.11)।

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