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22 जुलाई 2011

..और इस तरह अपने घर में तिरस्कृत हुई हिन्दी

जब अपने ही घर में अपमान हो तो दूसरा सम्मान कैसे करेगा। इस दंश को आज राजभाषा हिन्दी को झेलना पड़ा। आज राजभाषा हिन्दी की नए तेवर वाली वेबसाइट के उद्घाटन के अवसर पर राजभाषा सचिव ने अपने पूरे भाषण को अंग्रेजी में पढ़ा और वेबसाइट के बारे में बताया। खुद गृहमंत्री पी चिदंबरम भी सचिव की इस शैली से अवाक थे। राजभाषा हिन्दी के उत्थान और उसे बढ़ावा देने के लिए सरकार बेशक करोड़ों रुपए खर्च करती है। हिन्दी पखवाड़ा मनाती है। मगर राजभाषा विभाग में बैठे आला अधिकारी खुद ही हिन्दी को तिरस्कृत भाषा के रूप में देखेते हैं। अगर राजभाषा सचिव खुद ही हिन्दी के बदले अंग्रेजी को महत्त्व दें तो दूसरे से क्या उम्मीद की जा सकती है। मामला था राजभाषा हिन्दी की नई तेवर वाली वेबसाइट के उद्घाटन अवसर का। इसका आज केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने नार्थ ब्लॉक में माउस को क्लिक कर उद्घाटन किया। खास बात यह रही कि राजभाषा सचिव वीणा उपाध्याय ने राजभाषा की वेबसाइट में हुए बदलाव और नए तेवर के बारे में बताना शुरू किया। उन्होंने अपने सात मिनट के भाषण को पूरी तरह अंग्रेजी में ही पढ़ा। राजभाषा सचिव वीणा उपाध्याय द्वारा इस अवसर पर राजभाषा हिन्दी के बदले अंग्रेजी में बोलने को लेकर वहां उपस्थित चिदंबरम, राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह सहित तमाम आला अधिकारीगण अवाक थे। खुल कर तो नहीं मगर दबी जुबान से सबों ने इसको लेकर कानाफूसी शुरू कर दी। राजभाषा को बढ़ावा देने को लेकर वेबसाइट में क्या बदलाव किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि इसमें सारे अधिकारियों और कर्मचारियों का फोन नंबर और उनके पद आदि दिए गए हैं। यानि उनका पूरा बायोडाटा है। इसके बाद जब संवाददाताओं ने यह सवाल किया कि राजभाषा हिन्दी है और उसके वेबसाइट के नए तेवर का उद्घाटन किया गया है तो इस अवसर पर हिन्दी को क्यों तिरस्कृत किया गया? क्यों उन्होंने बेवसाइट के बारे में अंग्रेजी में कहा। इस पर उन्होंने कहा कि ठीक है हिन्दी राजभाषा है, लेकिन अंग्रेजी सह राजभाषा है। देश के अधिकतर लोग हिन्दी समझते हैं। एक संवादादाता ने उन्हें बताया कि उनके वेबसाइट पर महात्मा गांधी का चित्र है और हिन्दी के बारे में संदेश है तो फिर इस अवसर पर अंग्रेजी क्यों। मगर वह कुछ नहीं कह पायीं। बाद में कमान केंद्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संभाली और उनसे हिन्दी में वेबसाइट के बारे में जानकारी लेने लगे। इससे माहौल थोड़ा बदला। मगर राज्य मंत्री ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें पता है कि कितनी बार क्लिक हुआ है। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है(कुणाल,राष्ट्रीय सहारा,22.7.11)।

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