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13 जुलाई 2011

आईपीयू में सीटें तय न होने से फंसी काउंसलिंग

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में बीटेक, एमटेक, एमसीए सहित कई कोर्सों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया लटकी हुई है। एआईसीटीई द्वारा कॉलेजों में कोर्सो के लिए सीटों की संख्या तय नहीं किए जाने के कारण ऐसा हो रहा है। प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा सके, इसके लिए आईपीयू ने एआईसीटीई को कई पत्र लिखे हैं। लेकिन, अभी तक सीटों की संख्या तय नहीं हुई हैं।


आईपीयू से मान्यता प्राप्त करीब 16 कॉलेजों में बीटेक की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजों से बीटेक करने के लिए काफी संख्या में छात्र फॉर्म भरते हैं। लेकिन, काउंसलिंग में देरी होने की वजह से काफी संख्या में छात्र दूसरे कॉलेजों का रुख कर लेते हैं। आईपीयू के कुलपति प्रो. डीके बंधोपाध्याय ने बताया कि काउसंलिंग में देरी की सबसे बड़ी वजह एआईसीटीई से कॉलेजों को सीटों को लेकर एक्टेंशन और एपुर्वल नहीं मिलना है। उन्होंने कहा कि जैसे ही एआईसीटीई से सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी। दाखिला शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एआईसीटीई की वजह से हमारे कॉलेजों से मेरिट वाले छात्र दूसरे जगह चले जाते हैं। एक काउंसलिंग की वजह से ही सत्र में देरी हो जाती है। आईपीयू के संयुक्त कुलसचिव नितिन मलिक ने बताया कि एआईसीटीई की वजह से काउंसलिंग में देरी हुई है। इसके लिए कई बार विश्वविद्यालय की ओर से पत्र लिए गए हैं। इसका कोई नतीजा सामने नहीं आया।

दूसरे कॉलेजों में जाएंगे छात्र
काउंसलिंग में देरी की वजह से बीटेक, एमटेक जैसे कोर्सो में दाखिला लेने वाले छात्र दूसरे विश्वविद्यालय या कॉलेजों में दाखिला ले लेते हैं। ऐसी स्थिति में वैसे छात्र बच जाते हैं। जिसकों कहीं दाखिला नहीं मिल पाता है।

सत्र में हो जाती है देरी
बीटेक जैसे कोर्सो की पढ़ाई एक अगस्त से शुरू हो जाती है। लेकिन, काउंसलिंग में देरी की वजह से इनका सत्र भी टल जाता है। संयुक्त कुलसचिव की मानें तो इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगानी पड़ती हैं।

रैंक प्राप्त छात्र होते हैं मायूस 
आईपीयू की संयुक्त प्रवेश परीक्षा देने के बाद दाखिले के योग्य रैंक लाने वाले छात्रों में बेचैनी बढ़ती जाती है। काउंसलिंग में देरी की वजह से दाखिले को लेकर कई बार होनाहार छात्र भी तनाव में आ जाते हैं(जयप्रकाश मिश्र,हिंदुस्तान,दिल्ली,13.7.11)।

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