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17 जुलाई 2011

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दस फीसदी वकील फर्जी

काला कोट, एडवोकेट्स बैंड और लंबा गाउन पहनने वाला व्यक्ति वकील ही हो यह जरूरी नहीं है। निजी लाभ या फिर केवल रूतबा गांठने के लिए वकील का लिबास पहनने वालों की भी कमी नहीं है। ऐसा हम नहीं, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी कह रहे हैं। बात केवल कहने तक ही नहीं रही। हाईकोर्ट बार ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहा है और एसोसिएशन की छवि के साथ खिलवाड़ करने वालों को बाहर करने की तैयारी है। हाईकोर्ट बार ने स्वीकार किया कि हाईकोर्ट और दूसरी अदालतों में ऐसे फर्जी वकीलों की अच्छी खासी संख्या है जिनके पास वकालत की डिग्री भी नहीं है, उन्हें बाहर करने का प्रयास जारी है। साथ ही बार उन सदस्यों की सूची भी तैयार कर रहा है जो सिर्फ फायदे के लिए बार के मेंबर बन गए हैं, प्रैक्टिस से उनका कोई लेना देना नहीं है। ऐसे लोगों की सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है।

हाईकोर्ट में बढ़ती वकीलों की बेतहाशा भीड़ के चलते बार इन दिनों इस समस्या पर मंथन कर रहा है। शुक्रवार को हुई आम सभा की बैठक में भी मुख्य मुद्दा यही रहा कि कैसे बाहरी वकीलों (जिनमें फर्जी वकील भी शामिल हैं) पर रोक लगाई जाए। दरअसल मौजूदा हालात यह है कि कोई भी शख्स वकील की डे्रस पहनकर वकालत नामे पर फर्जी इनरोलमेंट नंबर डालकर मुकदमा फाइल कर सकता है। इसकी जांच करने का फिलहाल कोई सिस्टम नहीं है। कोई मामला
फंसने पर सच्चाई सामने आती है तब फर्जी वकील को पकड़ पाना मुश्किल होता है। हाईकोर्ट बार के महासचिव अनिल तिवारी की मानें तो ऐसे लोगों की संख्या दस फीसदी तक है। हाईकोर्ट में वकीलों की संख्या करीब 20 हजार है जबकि बार के पंजीकृत सदस्य 14000 हैं। जाहिर है कि करीब छह हजार वकीलों के पास बार की सदस्यता नहीं है। बार इसकी जांच करा रहा है। श्री तिवारी के मुताबिक ऐसे लोगों की भी पड़ताल की जा रही है जो राजनीतिक कारणों से या सिर्फ लाभ लेने के इरादे से बार के सदस्य बन गए हैं। तय है कि ऐसे सदस्यों को बार से बाहर निकाला जाएगा। 

सख्त होंगे सदस्यता के नियम
इलाहाबाद। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अनिल तिवारी के मुताबिक सदस्यता उन्हीं आवेदकों को दी जाएगी जिन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा पास की है। वर्ष 2010 से पूर्व वकालत की डिग्री लेने वालों को उसी हालत में सदस्यता दी जाएगी जब उन्होंने हाईकोर्ट में चार-पांच मुकदमों में वकालतनामा दाखिल किया हो। बार एडवोकेट्स रोल तैयार करेगा और वकालतनामा जारी करते समय अधिवक्ता के पंजीकरण की जांच की जाएगी(अमर उजाला,इलाहाबाद,17.7.11)।

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